इंद्रकुमार विश्वकर्मा,
कश्मीर के उरी में आतंकी हमले में शहीद राजेश सिंह के गांव जौनपुर के भकुरा में कल चूल्हे नहीं जले। शहीद के गम में उसके घर वाले ही नहीं, बल्कि पूरा गाँव शोकाकुल है। गाँव में उसके संगी साथी बचपन में उसके साथ बिताए क्षणों को यादकर भावुक हो रहे हैं। शहीद राजेश सिंह को कल देर रात जौनपुर में गोमती नदी के तट रामघाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
सरायख्वाजा क्षेत्र के भकुरा गांव स्थित शहीद राजेश सिंह के घर पर जिलाधिकारी भानुचन्द्र गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना, वाराणसी के गोरखा रेजिमेंट के मेजर आदित्य पाटिल, प्रदेश के राज्यमंत्री जगदीश सोनकर, सांसद के पी सिंह, पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष इन्दभुवन सिंह, उपजिलाधिकारी सदर आर के पटेल, राकेश उपाध्याय और हरेन्द्र सिंह ने शहीद के शव पर पुष्प चक्र एवं माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
कल रात शहीद की शवयात्रा जब निकली तो सबकी आंखे नम हो गईं। शवयात्रा जौनपुर के पचाहतियां स्थित गोमती नदी के तट रामघाट पहुंची, जहाँ पर पुलिस एवं सेना के जवानों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। शहीद को मुखाग्नि उनके पिता ने दी। भकुरा गांव निवासी राजेन्द्र सिंह के तीन पुत्रों में राजेश कुमार सिंह सबसे छोटे थे। सबसे बड़े उमेन्द्र एवं उनसे छोटे राकेश हैं।
इस घटना से आहत परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। शहीद राजेश सिंह के पिता राजेन्द्र सिंह, माता परमावती देवी, पत्नी जूली सिंह, पुत्र ऋषांत सिंह एवं परिवार के अन्य सदस्य बेहाल हैं। कल रात भकुरा गांव में किसी के घर चूल्हा नहीं जला, चारों तरफ मातमी सन्नाटा पसरा है।
जिलाधिकारी भानुचन्द्र गोस्वामी ने कहा कि शहीद परिवार के इस दु:ख के घड़ी में प्रशासन उनके साथ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शहीद के परिवार को 20 लाख रूपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
Soldiers and their families deserve more than just remuneration…