आज चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ़ चंदाबाबू ने भी शहाबुद्दीन के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिनके बेटों की हत्या का अरोप शहाबुद्दीन पर है। चंदा बाबू की ओर से शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट में जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने दाखिल किया। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी।
प्रशांत भूषण ने चंदा बाबू के वकालतनामे के हस्ताक्षर वाली कॉपी मिलने के बाद आज शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस याचिका में शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की मांग की गयी है। इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान चंदा बाबू ने कहा था कि वे न्याय के लिए आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे और सहयोग मिलेगा तो जिंदा भी रहेंगे।
उल्लेखनीख है कि 16 अगस्त 2004 को सीवान के जाने-माने व्यवसायी चंदा बाबू के दो लड़के सतीश राज और गिरीश राज का अपहरण कर लिया गया था और तेजाब से नहलाकर उनकी हत्या कर दी गयी थी। शहाबुद्दीन पर उन दोनों मृतकों की हत्या का आरोप था।
मृतकों के तीसरे भाई राजीव रौशन ने खुद को घटना का चश्मदीद गवाह बताते हुए पूरी घटना की सूचना कोर्ट में दी थी। उसके इस बयान पर ही पिछले वर्ष 11 दिसंबर को सीवान सिविल कोर्ट ने शहाबुद्दीन को दोषी बताते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। 16 जून 2014 को सीवान के डीएवी कॉलेज मोड़ पर तेजाब कांड के एकमात्र चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
उधर शहाबुद्दीन ने खुद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किये जाने पर कहा कि उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा,”परेशान उन्हें किया जाता है, जो परेशान होता है। मैं परेशान नहीं होता हूं।”