आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में सपा की तरफ से निकाली जा रही इस यात्रा को ”समाजवादी विकास रथ यात्रा” का नाम दिया गया है, जो राजधानी लखनऊ से 3 नवंबर को सीएम अखिलेश यादव की अगुवाई में निकलेगी। इस रथयात्रा के माध्यम से पार्टी यूपी सरकार द्वारा पिछले 4 सालों में किए गए कामों का प्रचार प्रसार लोगों के बीच जाकर करेगी सूत्रों के अनुसार अखिलेश के इस मेगा इवेंट से बहार रहने का कारण सपा से निष्कासित युवा नेता हैं।
चूंकि निष्कासित नेता रजत जयंती महोत्सव में शामिल नहीं होंगे, अखिलेश की नाराज़गी की भी वजह यही मानी जा रही है। इसका अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 3 नवम्बर को निकलने वाली विकास रथ यात्रा में सीएम के साथ निष्कासित युवा नेता भी शामिल होंगे। आपको बता दें कि मंगलवार को ही समाजवादी पार्टी के यूथ ब्रिगेड ने पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान किया था।
अखिलेश यादव ने सपा अध्यक्ष व अपने पिता मुलायम सिंह यादव को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है, ” माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय। 3 अक्टूबर से जो विकास यात्रा शुरू होनी थी, वह कई कारणों से नहीं हो पाई। अब 3 नवंबर से यह विकास यात्रा प्रारंभ की जायेगी। समय समय पर इसकी गतिविधियों के विषय में आपको सूचित किया जायेगा।”
दूसरी ओर यूपी चुनावों में विजय बिगुल बजाने की होड़ में लगी सपा ने भाजपा से आगे निकलने के चक्कर में ‘रामलीला थीम पार्क’ बनाने का जो निर्णय लिया है, उसे शाही इमाम बुखारी ने सपा के लिए खतरनाक बताया है। शाही इमाम के साथ अखिलेश व मुलायम ने इस सन्दर्भ में बैठक की। बुखारी ने सपा को साफ़ चेतावनी दी है कि यदि ‘रामलीला थीम पार्क’ बना तो सारे के सारे मुस्लिम वोट कट जायेंगे।
अब चारों ओर से दलदल में फंसी समाजवादी पार्टी की नैया को भगवान श्री राम पार लगाते हैं या ‘समाजवादी विकास रथ यात्रा’, यह तो समय ही बताएगा।