नई दिल्ली. भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी एवं मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर घिर गईं। प्रज्ञा ने गुरुवार को कहा कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। प्रज्ञा द्वारा दिए गए बयान से भाजपा ने किनारा कर लिया है। वहीं, विवाद बढ़ता देख साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपना विवादित बयान वापस लेते हुए देश के लोगों से माफी मांग ली।
प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर चुनाव आयोग ने रिपोर्ट मांगी
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयान पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने एक साक्षात्कार में गोडसे को देशभक्त बता कर राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रज्ञा ठाकुर के कथित बयान के बारे में मध्य प्रदेश के सीईओ को शुक्रवार तक तथ्यात्मक रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर आयोग यह फैसला करेगा कि इस बयान से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है या नहीं।
पढ़ें क्या था साध्वी प्रज्ञा का बयान
देवास लोकसभा सीट पर 19 मई को होने वाले चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में आगर मालवा में रोडशो कर रही प्रज्ञा ने एक सवाल के जवाब में कहा,‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे।’ उन्होंने कहा, गोडसे को आतंकी बोलने वाले खुद के गिरेबां में झांककर देखें।
भाजपा ने कहा, गोडसे देशभक्त नहीं
भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर यह कहते हुए किनारा कर लिया है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हत्यारा (नाथूराम गोडसे) देशभक्त नहीं हो सकता है। इससे पहले मध्यप्रदेश भाजपा मीडिया सेल प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि पार्टी प्रज्ञा के बयान से सहमत नहीं है। भोपाल लोकसभा सीट पर प्रज्ञा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से है। इस सीट पर 12 मई को मतदान हो चुका है।
गोडसे को देशभक्त बताने पर कांग्रेस हमलावर
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रज्ञा का बयान पूरे देश का अपमान है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए । सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, आज एक बात तो साफ हो गई कि भाजपाई गोडसे के सच्चे वंशज हैं। हिंसा की संस्कृति और शहीदों का अपमान यह है भाजपाई डीएनए। सुरजेवाला ने कहा, हाल ही में प्रज्ञा ने शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही बताया था और उन्हें श्राप देने की बात की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कोई कार्रवाई करने की बजाय उनकी पीठ थपथपाई।