कानपुर। न्याय की आस और समाज के तानों से टूट चुकी दुष्कर्म पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
मौके पर परिजन ने हंगामा किया और पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। आरोपितों की गिरफ्तारी न होने तक वे शव नहीं उठने देने की बात पर अड़े रहे। बवाल की आशंका पर चलते एसपी पूर्वी कई थानों के फोर्स के साथ पहुंच गए।
कक्षा छह में पढ़ने वाली किशोरी रायपुरवा थानाक्षेत्र के कोपरगंज की रहने वाली थी। पिता लकड़ी की पेटी बनाने का काम करते हैं। परिजन का आरोप है कि 13 जुलाई को इलाके के मोहम्मद वासिक, वसाफ और श्यामू ने बेटी को घर के बाहर से अगवा करने के बाद सामूहिक दुष्कर्म किया था। अगले दिन घर पहुंची बेटी ने परिजन को आपबीती बताई थी।
परिजन ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी लेकिन, पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की है। इससे क्षुब्ध होकर किशोरी ने मकान की ऊपरी मंजिल पर कमरे में दुपंट्टे के फंदे से फांसी लगाकर जान दे दी। घटना और हंगामे की जानकारी पर एसपी पूर्व राजकुमार अग्रवाल, सीओ अनवरगंज सैफुद्दीन बेग फोर्स के साथ पहुंचे।
पुलिस अफसर कार्रवाई का भरोसा दिलाते रहे लेकिन, परिजन मांग पर अड़े रहे। ढाई घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने समझाकर शव कब्जे में लिया। परिजन के आरोप के आधार पर ताना मारने वाली मोहल्ले की दोनों महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है। पीड़िता का कलम बंद बयान पहले दर्ज कराया जा चुका है। बयानों और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल आरोपितों की धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं