राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर छिड़ी जंग, भाजपा से दूरी बना सकती है शिवसेना

शिखा पाण्डेय । Navpravah.com

भारतीय जनता पार्टी ने अब तक अपनी ओर से किसी भी राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम जाहिर नहीं किया है। इसी बीच कल पार्टी अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से राष्ट्रपति चुनाव के विषय में समर्थन लेने पहुंच तो गए, लेकिन ठाकरे ने उन्हें दो टूक जवाब दे दिया। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि राष्ट्रपति के चुनाव में उम्मीदवार का नाम जाने बिना शिवसेना भाजपा के साथ नहीं खड़ी होगी।

अमित शाह रविवार को उद्धव से मिलने उनके बांद्रा स्थित निवास ‘मातोश्री’ पहुंचे। उनके साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे भी थे। करीब सवा घंटे चली बैठक में उद्धव के साथ उनके पुत्र आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, शाह ने उद्धव से कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजग उम्मीदवार की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे व उनकी पार्टी शिवसेना से समर्थन की उम्मीद रखती है। इसके जवाब में उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले आपकी पार्टी उम्मीदवार का नाम घोषित करे। तभी शिवसेना निर्णय कर पाएगी कि समर्थन देना है या नहीं।

एक तो केंद्र और राज्य की सरकारों में साथ रहने के बावजूद शिवसेना प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस और भाजपा सरकारों की आलोचना का कोई मौका नहीं छोड़ रही, दूसरी बात यह, कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिवसेना ने अपनी तरफ से संघ प्रमुख मोहन भागवत का नाम आगे बढ़ाया था। लेकिन, दो दिन पहले उद्धव ने कहा कि यदि मोहन भागवत के नाम पर कोई अड़चन हो, तो हरित क्रांति लानेवाले 91 वर्षीय कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। हाल ही में उसने यह भी कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव में वह स्वतंत्र रास्ता अख्तियार कर सकती है।

आपको बता दें कि भाजपा से एकदम अलग होने की दिशा में बढ़ रही शिवसेना राष्ट्रपति चुनाव में पहले भी राजग से अलग मत दे चुकी है। पिछले दो चुनावों में भी इसने भाजपा का साथ नहीं दिया था। पहली बार उसने संप्रग उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल को मराठावाद के नाम पर समर्थन दिया था। दूसरी बार संप्रग के ही उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को बालासाहब ठाकरे से पुरानी मित्रता के कारण समर्थन दे चुकी है। अब तो हालात और भी गंभीर हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से अलग होकर लडऩे के बाद से पार्टी 25 साल पुरानी सहयोगी भाजपा की मुखर आलोचक बन गई है।

गौरतलब है कि मुंबई में अपने तीन दिन के प्रवास के दौरान अमित शाह ने महाराष्ट्र में भाजपा के लगभग सभी सहयोगी दलों से राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा की। सिर्फ स्वाभिमानी पक्ष के किसान नेता एवं सांसद राजू शेट्टी से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। शेट्टी भी इन दिनों भाजपा से नाराज चल रहे हैं। वह किसानों की बैठक के लिए फिलहाल दिल्ली में हैं।

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