अनुज हनुमत,
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ और विवि प्रशासन के बीच आपसी टकराव एक नए स्तर पर पहुंच गया है, जिसे देखकर इतना तो स्पष्ट हो गया है कि आने वाले दिनों में कैम्पस का माहौल इसी तरह गर्म रहने वाला है। सूत्रों के अनुसार, विवि प्रशासन ने पिछले दिनों छात्र नेताओं द्वारा कुलपति कार्यालय का घेराव, DSW और अकाउंट कार्यालय में तालाबंदी के कारण लगभग एक दर्जन छात्र नेताओ पर कड़ी कार्रवाई की है।
छात्रों को उनकी हदें पार करने को लेकर नाराज़ प्रशासन ने उन्हें निलम्बित कर दिया है। निलम्बित किए गए नेताओं में से अधिकांश ABVP संगठन के हैं । जानकारी के अनुसार छात्र नेता सूर्यप्रकाश मिश्रा, आनंद सिंह निक्कू, विक्रांत सिंह, श्रवण जायसवाल, विशाल को आजीवन विवि से टर्मिनेट किया गया है और छात्र नेता अनुभव उपाध्याय, नलिनी मिश्रा, हिमांशु को विवि से निलम्बित कर दिया गया है।
विवि प्रशासन ने छात्र नेता सौरभ तिवारी को नोटिस दिया है। निलम्बन के ये आदेश चीफ प्रॉक्टर द्वारा जारी किये गए हैं। निलम्बित किये गए छात्र नेताओ में कुछ अध्यक्ष पद के उम्मीदवार भी शामिल है। सूत्रों की माने तो अभी कुछ और छात्र नेताओं पर कार्यवाही हो सकती है। कुलमिलाकर इन सभी छात्र नेताओं के ऊपर हुई इस कार्यवाही ने इतना तो स्पष्ट कर दिया है आने वाले दिनों में विवि प्रशासन अपने तेवर ढीले नहीं करने वाला।
निम्लबित हुए अधिकांश छात्र नेताओं से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन अब पूरी तरह से लोकतान्त्रिक मूल्यों का गला घोंटने पर उतर आया है। उसकी ये हिटलरशाही अब नहीं चलेगी। बल्कि अधिकांश छात्र नेताओं ने आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की धमकी भी दी है।
कुछ छात्र नेताओं ने तो यहाँ तक कहा है कि कुलपति महोदय पीजीएटी और क्रेट की प्रवेश परीक्षा में हुई धांधली पर खुलकर क्यों नही बोल रहे। जाँच की सच्चाई को आखिर क्यों छात्रों से छिपा रहे हैं ? बहरहाल अभी तो सुचारू रूप से कैम्पस का शिक्षण कार्य भी नहीं शुरू हुआ लेकिन संभावनाएं ऐसी बन रही हैं कि विवि प्रशासन और छात्र नेताओं के टकराव की वजह से शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है।