शिखा पांडे | Navpravh.com
रायन स्कूल में हुए मासूम बच्चे प्रद्युम्न की हत्या के मामले में आये दिन नए खुलासे हो रहे हैं, लेकिन अब तक कोई पुख्ता बात निकलकर सामने नहीं आयी है। तमाम हंगामों के बाद आज मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने प्रद्युम्न के घर का दौरा किया व पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की। सीएम ने परिवार को आश्वासन दिया की जल्द से जल्द इस मामले की तह तक पहुंचकर क़ातिल का पता लगाया जायेगा व सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। देश भर से लगातार उठ रही सीबीआई जांच की मांग को देखते हुए अंततः उन्होंने इस केस को सीबीआई को सौंपने की घोषणा भी की।
खट्टर ने यह भी ऐलान किया कि अब रायन इंटरनेशनल स्कूल की गुडगाँव ब्रांच, जहाँ प्रद्युम्न पढता था, 3 महीने के लिए सरकार के कब्ज़े में रहेगी। इसका मुख्य कारण यह बताया गया कि उस स्कूल में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के भविष्य को मद्देनज़र रखते हुए यह फैसला किया गया है। राज्य के डिप्टी कमिश्नर स्कूल की तमाम गतिविधियों पर नज़र रखेंगे।
प्रद्युम्न के परिवार से बात करने के बाद सीएम खट्टर ने मीडिया से रूबरू होते हुए सीबीआई जांच का ऐलान किया। यहाँ भी उन्होंने उस हरियाणा पुलिस का बचाव किया, जिसके दुर्व्यवहार की शिकायत रायन स्कूल के माली और बस ड्राइवर ने की। माली और ड्राइवर ये बता चुके हैं कि पूछताछ के दौरान किस तरह हरियाणा पुलिस ने उनके साथ मारपीट की व उनपर दिमागी दबाव बनाया। सीएम ने कहा कि हरियाणा पुलिस ईमानदारी से अपना काम कर रही है, लेकिन परिवार व कई अन्य लोगों की लगातार मांग के चलते सीबीआई जांच का फैसला लिया गया है।
प्रद्युम्न के माता पिता ने सीएम के दौरे व सीबीआई जाँच के ऐलान पर आभार प्रकट करते हुए बस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वह अब भी अपनी बच्ची को उसी स्कूल में भेजेंगे, इसके जवाब में वे बोले कि इसका फैसला परिस्थितियाँ ही करेंगी, और वह बच्ची भी, जो पिछले तीन सालों से अपने भाई प्रद्युम्न के साथ उस विद्यालय में जाती आती रही है। प्रद्युम्न के पिता ने कहा, “मेरी मांग पिंटो परिवार या किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। मेरी मांग है कि ऐसी कार्रवाई हो जिससे अन्य स्कूल प्रशासन भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर सजग हों।”
दूसरी ओर आज आरोपी कंडक्टर अशोक की पत्नी व उसकी भाभी ने जेल में उससे मुलाकात के बाद जो खुलासा किया है, वो और भी चौंकाने वाला है। उन्होंने मीडिया को बताया कि अशोक ने प्रद्युम्न को नहीं मारा है। उसे डरा- धमकाकर, मार-पीटकर इस मामले में फंसाया गया है। पत्नी का कहना है कि अशोक ने उन्हें बताया है कि ये हत्या उसने नहीं की है, उसे जबरन जुर्म कुबूल कराने के लिए कोई नशे का इंजेक्शन भी दिया गया था। इन सभी खुलासों के बाद अशोक की पत्नी व परिवार ने भी मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।
इधर आरोपी अशोक के वकील ने कहा है कि पुलिस ने अशोक को मारपीट और करंट के झटके देकर जबर्दस्ती बयान दर्ज करवाया है। अशोक ने वकील को कहा कि हत्या से उसका कोई लेना देना नहीं है। अब इस पूरे घटनाक्रम में क्या सच है, क्या झूठ, यह तो शायद सीबीआई जांच के बाद ही सामने आ पायेगा।