प्रधानमंत्री ने की ‘मन की बात’, कहा, इस स्वतंत्रता दिवस को संकल्प दिवस बनाएं, देश में सुधार का लें संकल्प

21वीं सदी भारत की होगी
शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 34वें संस्करण के जरिये देशवासियों को संबोधित किया। पीएम ने आज अपनी बात पर्यावरण के मुद्दे से शुरू की। उन्होंने कहा कि वर्षा हमें ख़ुशी तो देती है, परंतु पानी के पास विनाश की भी ताकत है। पर्यावरण में आ रहे बदलाव से हमें प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार मदद का भरसक प्रयास कर रही है। आम जनता भी सेवा भाव से आगे आ रही है।  भारत सरकार की ओर से सेना, एनडीआरएफ के जवान सेवा में लगे हैं। पीएम ने कहा कि बाढ़ में किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों को एक्टिव करने की योजना बनाई है, ताकि किसानों को समय पर क्लेम मिल सके। उन्होंने कहा कि मौसम को जो पूर्वानुमान मिल रहा है, वह सही साबित हो रहा है। हम अपने कार्यकलाप मौसम के अनुसार करें, तो नुकसान से बचा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने जीएसटी पर भी चर्चा की। एक श्रोता द्वारा जीएसटी के विषय में पूछे गए प्रश्न पर पीएम ने कहा कि जीएसटी को लागू हुए एक महीना हो रहा है। इससे फायदा हुआ है। चीजें सस्ती हुई हैं। पीएम ने कहा कि उत्तर पूर्व से लोगों की प्रतिक्रिया भी आई है कि अब काम आसान हो गया है। ट्रांसपोर्ट पर इसका अच्छा असर पड़ा है।  सामान की आवाजाह बढ़ी है। लोगों का सामान जल्द पहुंच रहा है, जबकि पहले इस सेक्टर का काफी समय पेपर वर्क पर लगता था।
मोदी ने कहा कि अर्थशास्त्र के पंडित जीएसटी को दुनिया के लिए जरूर लिखेंगे। इतने बड़े देश में सफलता पूर्वक इस सुधार को लागू करना अपने आप में सफलता की ऊंचाई है। मोदी ने कहा, GST भारत में सामूहिक शक्ति की सफलता का एक उदाहरण है, यह सामाजिक सुधार का अभियान है।
‘अगस्त क्रांति’ व ‘स्वतंत्रता दिवस’ का महत्त्व समझाते हुए मोदी ने कहा कि अगस्त क्रांति का महीना है। इस दौरान भारत में आजादी की क्रांति हुई। इस महीने में कई घटनाएं आजादी से जुड़ी हैं। इस वर्ष देश ‘भारत छोड़ो’  आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। इतिहास की तमाम घटनाओं व महात्मा गांधी के नेतृत्त्व पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि इतिहास के पन्ने भारत की आजादी की प्रेरणा हैं। मोदी ने कहा कि 1947 में हमे स्वतंत्रता मिली व अब 2017 चल रहा है। इन 70 सालों में देश में रोजगार बढ़ाने, गरीबी हटाने के लिए कई प्रयास हुए। उन्होंने अपील की कि 2017 के 15 अगस्त को संकल्प दिवस के रूप में मनाएँ। उन्होंने कहा कि लोग अपने देश में सुधार के लिए संकल्प लें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पिछले तीन बार से भाषण लंबा हो जाने की शिकायत मिल रही थी, जिसपर संज्ञान लेते हुए इस बार वे उसे छोटा रखेंगे। उन्होंने देशवासियों से अन्य देश हित के मुद्दों पर भी सुझाव मांगे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय पर्व खुशहाली के साथ साथ लोगों को रोज़गार भी देते हैं, चाहे वह रक्षाबंधन हो, गणेशोत्सव हो, या दीपावली, लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। पीएम ने कहा कि त्योहारों में उत्साह, उमंग के साथ पर्यावरण का संरक्षण भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने मुझे इस संबंध में चिट्ठी लिखी है। उन्होंने बताया कि लोगों को ईको फ्रेंडली गणेश मूर्ति बनाए जाने की जरूरत महसूस हो रही है। पीएम ने भी देशवासियों से त्योहारों को इको फ्रेंडली तरीके से मानाने की अपील की।
पीएम मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने जिस सामाजिक एकता के लिए गणेशोत्सव को आरंभ किया था, उस भावना को फिर से प्रबल बनाए जाने की आवश्यकता है। पीएम ने कहा कि मिट्टी से बने हुए ही गणेश का इस्तेमाल हो। पीएम ने देशवासियों को आने वाले उत्सवों की शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी बेटियां देश का नाम रोशन कर रही हैं। देशवासियों को उन पर गर्व है। उन्होंने महिला क्रिकेट विश्वकप का जिक्र कर कहा कि महिला क्रिकेट टीम से मिलकर बहुत अच्छा लगा। वे वर्ल्ड कप में हारने का बोझ महसूस कर रही थीं। मैंने उनसे कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि देशवासियों ने हार का बोझ टीम पर नहीं, बल्कि अपने ऊपर लिया। उन्‍होंने कहा, देश की महिला क्रिकेट टीम ने महिला विश्वकप में शानदार प्रदर्शन किया, देश का मान बढ़ाया। मोदी ने कहा, आप भले ही विश्वकप नहीं जीत पायीं लेकिन आपने देश का दिल जीत लिया है।

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