नीतीश ने ‘विश्वासमत’ नहीं, ‘विश्वासघात’ मत हासिल किया है, जनता सबक सिखाएगी-दिग्विजय सिंह

 शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
कुछ दिनों से ख़ामोशी की चादर ओढ़े मौन पड़े कांग्रेस के बड़बोले सांसद व कांग्रेस महासचिवदिग्विजय सिंह उर्फ दिग्गी फिर एक बार बोल पड़े हैं। नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन में सेंध लगाकर भाजपा का दामन थाम लेना उन्हें भी झकझोर गया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में ‘विश्वासमत’ नहीं, बल्कि ‘विश्वासघात मत’ हासिल किया है। दिग्विजय ने इंदौर प्रेस क्लब में नीतीश कुमार पर व्यंग बाण चलाते हुए संवाददाताओं से कहा, “यह व्यक्ति पहले कहता था कि मिट्टी में मिल जाउंगा, पर भाजपा से हाथ नहीं मिलाउंगा। अब इस व्यक्ति ने भाजपा से हाथ मिलाकर बिहार की जनता को धोखा दिया है, लेकिन बिहार की जनता क्रांतिकारी है और वह नीतीश को जरुर सबक सिखायेगी।”
दिग्विजय ने कहा कि बिहार के ताजा घटनाक्रम के बाद भाजपा की चाल, चरित्र और चेहरा भी बेपर्दा हो गया है। विपक्षी एकता पर गिरी गाज पर पूछे गए प्रश्न पर दिग्विजय ने कहा कि नीतीश के भाजपा के पाले में जाने से वर्ष 2019 के आम चुनावों में विपक्षी एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “भारत का प्रजातंत्र और जनता बहुत परिपक्व हैं। इसलिए वर्ष 2019 के आम चुनावों को लेकर अभी से कोई अनुमान लगाना उचित नहीं है।”
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में कृष्णा-गोदावरी बेसिन के गैस ब्लॉक में गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (जीएसपीसी) की 80 फीसद हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है। दिग्विजय ने कहा कि जीएसपीसी पर 20,000 करोड़ रुपये की देनदारी है. लेकिन इसके बावजूद ओएनजीसी जैसी मजबूत कंपनी को जीएसपीसी की हिस्सेदारी खरीदने पर विवश किया गया, जो कथित तौर पर भ्रष्टाचार का नमूना है।
दिग्विजय ने आरोप लगाया कि सरदार सरोवर बांध के कारण आने वाली बाढ़ के इलाके में रह रहे मध्यप्रदेश के करीब 16,000 परिवारों का अब तक पुनर्वास नहीं किया गया है,लेकिन प्रदेश सरकार ने इन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से हटाने के लिए 31 जुलाई की समय-सीमा तय कर दी है। उन्होंने मांग की कि बाढ़ प्रभावितों को वहां से हटाये जाने की समय-सीमा में दो-तीन माह का इजाफा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमारे देश का कोई मुस्लिम युवा कभी अल-कायदा में भर्ती नहीं हुआ था, लेकिन युवा आज आईएसआईएस में क्यों भर्ती हो रहे हैं? कारण यह है कि वर्ष 2014 के बाद से उनके मन में यह बात आ रही है कि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।” उन्होंने जीएसटी के मौजूदा स्वरुप पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कर की अलग-अलग दरों और कारोबारियों के लिए इसके पालन की जटिलताओं के कारण नयी कर प्रणाली सफल नहीं हो सकेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.