विकास कुमार तिवारी । Navpravah.com
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बिहार की नई एनडीए सरकार ने बड़ा झटका देते हुए उन्हें सलाहकार पद से निरस्त कर दिया है |
लालू और नीतीश के नेतृत्व वाले महागठबंधन को मिली जीत के पीछे भी प्रशांत किशोर थे जिसके बाद से बिहार सरकार में उनका कद बढ़ गया था | जिसके बाद प्रशांत किशोर को नीतीश ने सलाहकार बनाते हुए राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया था|
प्रशांत किशोर ही वह रणनीतिकार थे जिन्होंने राजनीति के दो धुर विरोधी लालू और नीतीश को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया था| मोदी और शाह की नेतृत्व वाली बीजेपी का बिहार में जीत के रथ को रोक दिया था|
इस चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद प्रशांत राजनीतिक रणनीति के चाणक्य कहलाने लगेे|
प्रशांत किशोर बिहार चुनाव में नेता के भाषण और कहा कहा रैली करनी है , प्रचार का तरीका क्या होगा सबका चुनाव वो खुद करते थे |
बता दें कि यूपी चुनाव के बाद से ही प्रशांत किशोर साख गिर गई थी परंतु सलाहकार के पद से हटाए जाने की वजह नई एनडीए सरकार को माना जा रहा है| हालाकि प्रशांत पिछले एक साल से बिहार से बाहर है|
गौरतलब है कि अभी 26 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश ने आरजेडी के नेता और लालू के सुपुत्र तेजस्वी यादव के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था, और महागठबंधन से खुद को किनारा कर लिया था| पर सुबह होते होते बीजेपी के साथ गठबंधन कर 6ठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी| जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि आरजेडी और कांग्रेस के करीबीयों पर गाज गिर सकती है| जिसका पहला शिकार प्रशांत किशोर हुए हैं |