सौम्या केसरवानी | Navpravah.Com
केरल का प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर का दरवाजा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज खुलने वाला है, मंदिर के द्वार खुलने से पहले केरल में तनाव की स्थिति है, सबरीमला मंदिर में रजस्वला लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद यहां माहौल माहौल तनावपूर्ण है।
इससे पहले सबरीमला मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार माने जाने वाले निलाकल में तनाव जोरों पर हैं क्योंकि मंगलवार को भक्तों ने प्रतिबंधित उम्र वर्ग की महिलाओं को लेकर मंदिर की तरफ से जाने वाले वाहनो को रोक दिया था।
वहीं इस मुद्दे के समाधान के लिए त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने मंगलवार को अहम बैठक बुलाई थी, जिसमें कोई सहमति नहीं बन सकी, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंदिर में प्रवेश से श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है।
मंगलवार को पहाड़ी पर स्थित सबरीमला मंदिर से लगभग 20 किलोमीटर दूर बेस कैंप निलाकल में परंपरागत साड़ी पहने महिलाओं के समूह को प्रत्येक वाहनों को रोकते देखा जा सकता था, इनमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थीं।
एक महिला आंदोलनकारी ने कहा, प्रतिबंधित उम्र 10 से 50 साल आयु वर्ग की महिलाओं को निलाकल से आगे नहीं जाने दिया जाएगा और उन्हें मंदिर में पूजा भी नहीं करने दी जाएगी, मंदिर को मलयालम थुलाम महीने में पांच दिन की मासिक पूजा के बाद 22 अक्टूबर को बंद कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंदिर में प्रवेश से श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है, उन्होंने कहा, हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि, मेरी सरकार सबरीमला के नाम पर कोई हिंसा नहीं होने देगी, श्रद्धालुओं को सबरीमला जाने से रोकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग नहीं करने के सरकार के फैसले पर फिर से विचार किये जाने की संभावना खारिज कर दी है।