सौम्या केसरवानी,
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) के चेयरमैन गजेंद्र चौहान पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन की बहस में कहा कि पाकिस्तानी अभिनेताओं और कलाकारों को काम देना देश की ‘अर्थव्यवस्था और सुरक्षा’ के लिए खतरा है।
एक कार्यक्रम में बातचीत के दौरान गजेंद्र चौहान ने कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, इसलिए देश को सीमा पार से अभिनेताओं और गायकों को काम देने की जरूरत नहीं है।
चौहान की यह टिप्पणी भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है। चौहान ने कहा कि बाहर के कलाकारों को मौका देने से देश के प्रतिभाशाली कलाकारों को काम नहीं मिल पाता।
चौहान ने कहा कि जो निर्माता पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करते हैं, वह आर्थिक कारणों की वजह से ऐसा करते हैं, क्योंकि इससे पाकिस्तान में उनकी फिल्म रिलीज होने पर फायदा मिलता है। गजेंद्र चौहान का कहना है, ”अगर आपको पाकिस्तानी कलाकार चाहिए, तो आप पाकिस्तान में शूट कीजिए। उन्हें (फिल्म निर्माताओं) एहसास होगा कि पाकिस्तान में शूट करने की इजाजत मिलना कितना मुश्किल है और इससे उन्हें पाकिस्तानी लोगों का रवैया जानने का भी मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि सोमवार को बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा था कि ‘देश और जवान सबसे बड़े हैं और फिल्मी सितारों की हालत उनके सामने खटमल जैसी है।’
पिछले सप्ताह इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMPPA) ने एक प्रस्ताव पास कर पाकिस्तानी कलाकारों और टेक्नीशियनों के तब तक भारत में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जब तक दोनों देशों के बीच रिश्ते सही नहीं हो जाते।