शिखा पाण्डेय,
नासा का ‘ओसिरिस-आरएक्स’ अंतरिक्षयान भ्रांति पैदा करने वाले ‘ट्रोजन’ नामक उन क्षुद्रग्रहों की खोज करेगा, जो सूर्य की परिक्रमा करते समय लगातार पृथ्वी के साथ रहते हैं। नासा द्वारा क्षुद्रग्रह का एक नमूना धरती पर लेकर आने वाले पहले अभियान के तहत यह अंतरिक्षयान क्षुद्रग्रह बेनू की दो साल की यात्रा पर रवाना होगा। इस दौरान यह कई कार्यों को अंजाम देगा। ओसिरिस-आरएक्स (ओरिजिन्स, स्पेक्ट्रल इंटरप्रेटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन एंड सिक्योरिटी-रीगोलिथ एक्सपोलरर) अंतरिक्षयान अपने कैमरे चालू करेगा और ‘ट्रोजन’ क्षुद्रग्रहों की खोज करेगा।
जानें क्या है ट्रोजन-
ट्रोजन वे क्षुद्रग्रह होते हैं, जो लगातार हमारे सौर मंडल में सूर्य के चारों ओर चक्कर काट रहे ग्रहों के साथी बने रहते हैं। ये ग्रह के सामने या पीछे 60 डिग्री पर स्थित बिंदु पर स्थिर बने रहते हैं। चूंकि ये हमेशा एक ही कक्षा में लगातार आगे या पीछे चलते रहते हैं, इसलिए ये कभी भी अपने साथी ग्रह से टकराते नहीं। हमारे सौरमंडल में छह ग्रह ऐसे हैं, जिनकी कक्षाओं में ट्रोजन क्षुद्रग्रह हैं। ये छह ग्रह हैं बृहस्पति, नेप्च्यून, मंगल, शुक्र, यूरेनस और पृथ्वी। पृथ्वी का ट्रोजन भ्रांति पैदा करता है। अब तक वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सिर्फ एक ही ट्रोजन क्षुद्रग्रह- 2010 टीके 7 का पता लगाया है।