कोमल झा|Navpravah.com
हिंदी सिनेमा के जाने-माने कलाकार क़ादर खान ने अपनी अदाकारी से करोड़ों लोगों के दिलों को जीता, लेकिन आज उनके चाहनेवालो के जेहन में ये सवाल ज़रूर उठता होगा, कि अब वे कहाँ हैं, कैसे हैं, क्या कर रहे हैं? तो आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें, कि क़ादर खान इन दिनों कनाडा में अपने बेटे-बहू के साथ रहते हैं। अब वे किसी सहारे के बिना चल नहीं पाते और उन्हें बोलने में भी तकलीफ होती है। अब वे सिर्फ अपने बेटे और बहू को ही भली भांति पहचान पाते हैं। किसी दूसरे व्यक्ति को पहचानने में उन्हें काफी वक्त लगता है।
क़ादर खान की बहू शाहिस्ता के अनुसार उनकी सेहत को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है। वह सिर्फ बढ़ती उम्र में होने वाली परेशानियों से जूझ रहे हैं। वे अपने पोते-पोती हम्जा और साइमा के साथ काफी खुश रहते हैं। आपको बता दें कि क़ादर खान अब 79 साल के हो चुके हैं। कुछ समय पहले क़ादर खान के बेटे सरफराज ने बताया था कि क़ादर खान को चलने में परेशानी होती है। उन्हें दोनों तरफ से सपोर्ट करना पड़ता है। कुछ कदम चलने के बाद ही वह बैठ जाते हैं। उन्हें डर लगता है कि कहीं वह गिर न पड़ें।
उल्लेखनीय है कि जब से क़ादर खान के घुटनों की सर्जरी हुई, उसके बाद से उन्हें चलने में डर लगता है, हालांकि सर्जरी सफल रही थी। दरअसल उन्हें सर्जरी के अगले दिन से ही चलना शुरू करना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसी वजह से उनके पैरों में तकलीफ हुई।
क़ादर खान का फिल्मी सफर
क़ादर खान ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1972 में आई फिल्म ‘दाग’ से की थी। इसके अलावा उन्होंने ‘अदालत’ (1976), ‘परवरिश’ (1977), ‘दो और दो पांच’ (1980), ‘याराना’ (1981), ‘खून का कर्ज’ (1991), ‘दिल ही तो है’ (1992), ‘कुली नं. 1’ (1995), ‘तेरा जादू चल गया’ (2000), ‘किल दिल’ (2014) सहित कई फिल्मों में काम किया है। वे आखिरी बार 2015 में आई फिल्म ‘हो गया दिमाग का दही’ में नजर आए थे। कादर को ‘हिम्मतवाला’, ‘आंखें’ और ‘कुली नंबर वन’ जैसी फिल्मों में हास्यपूर्ण संवाद अदायगी के लिए आज भी बहुत प्यार से याद किया जाता है।