एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
भारतीय सैनिकों को अब अपनी वर्दी को खरीदने के लिए खुद पैसा खर्च करना पड़ सकता है। क्योंकि बजट में कटौती की गयी है, इसके लिए सेना ने अब ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों से खरीदारी में कटौती करने का फैसला किया है।
गोला बारूद को खरीदने के लिए पैसा बचाने के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा है। इकोनोमिक टाइम्स के अनुसार, ऑर्डनेंस फैक्ट्री से होने वाली खरीदारी को 94 से 50 प्रतिशत पर लाने की तैयारी है।
इस कटौती का असर ये होगा कि सैनिकों को अपनी वर्दी जूते समेत दूसरी चीजें खुद खरीदने की नौबत आ सकती है, केंद्र ने गोला बारूद की आपातकालीन खरीदारी के लिए अतिरिक्त फंड जारी नहीं किया है, इस कारण सैनिकों की वर्दी की सप्लाई भी प्रभावित होगी।
सेना के गोला बारूद भंडार को भरा पूरा रखने के लिए हजारों करोड़ के फंड की जरूरत है, केंद्र ने इस फंड में कुछ कमी की है, ऐसे में सेना गोला बारूद खरीदने के लिए अपने दूसरे खर्चों में कटौती की योजना बना रही है।
सेना के एक अधिकारी का कहना है कि इमरजेंसी में खरीदारी के लिए 5000 करोड़ खर्च किए गए हैं, हालांकि अभी भी 6739.83 करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है, उन्होंने बताया कि दो अन्य स्कीम पांच साल के लिए नहीं बल्कि तीन साल की ही हैं।