एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
जम्मू – कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों ने उनके खिलाफ अपना ऑपरेशन तेज कर दिया है, जम्मू कश्मीर में गठबंधन सरकार के गिरने के बाद अब वहां राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है।
अब ये कयास लगाया जा रहा है कि, आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज होगा, ऐसे में लोकल आतंकियों के मारे जाने के बाद उपजने वाले तनाव को खत्म करने के लिए सेना और सुरक्षाबल बड़ा निर्णय लेने वाले हैं।
लोकल टेरेरिस्ट के मारे जाने के बाद उसके जनाजे में बड़ी संख्या में लोग उमड़ते हैं, उससे दूसरे युवाओं के रास्ता भटकने का डर रहता है, कई बार आतंकी गुट भी इसमें शामिल होते हैं, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अब सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों को मार गिराने के बाद खुद इन्हें दफनाने का निर्णय किया है।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसिया आतंकियो के शव को उनके परिवार वालों को देने के खिलाफ हैं, इन एजेंसियों का मानना है कि जनाजे में भीड़ और नारेबाजी से नए आतंकी पनपते हैं।
हालांकि सुरक्षा एजेंसियाँ ये निर्णय केंद्र और राज्य सरकार पर छोड़ सकती है कि किन आतंकियो के शव परिवार वालों को दिया जाये और किन के नहीं, इससे पहले राज्य के डीजीपी एसपी वैद ने भी यह कहा था कि जनाजे में इकट्ठा होने वाली भीड़ को रोकने के लिए पुलिस कुछ रणनीतियों का निर्धारण कर रही है।
पहले भी देखा गया है कि किसी स्थानीय आतंकी के मारे जाने के बाद उनके जनाजे में महिला और पुरुषों की जमकर भीड़ इकट्ठी होती है, ये रैली भारत विरोधी यात्रा में तब्दील हो जाती है, इसलिए ये फैसला करने की योजना बनाई जा रही है।














