अमित द्विवेदी,
किसी ज़माने में भारतीय जनता पार्टी के सुर में सुर मिलाने वाली सहयोगी पार्टी शिवसेना, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को फूटी आँख नहीं पसंद करती थी। आज उसी पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘जाने माने’ अर्थशास्त्री बता कर केंद्र सरकार को उनकी बातों को गंभीरता से लेने की चेतावनी दी है।
आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री के नोट बंदी के फैसले को ‘आम आदमी से लूट’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘एक व्यक्ति 125 करोड़ लोगों के लिए फैसला नहीं ले सकता। नकदी बंद करने का फैसला लेने के पहले लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था।” उन्होंने कहा कि जब लोगों की आंखों में आंसू हैं, ऐसे वक्त में मोदी के भावुक होने का कोई मतलब नहीं है।
ठाकरे ने संवाददाताओें से बात करते हुए कहा, “जिस तरह से नोटबंदी को लागू किया गया, मैं उसपर गंभीर रुख अपनाने से नहीं हिचकिचाऊंगा।” उन्होंने मोदी द्वारा नोट बंदी पर कराये गए सर्वे पर व्यंग करते हुए कहा, “यूरोपीय संघ से निकलने से पहले ब्रिटेन में जनमत संग्रह हुआ। लोगों की विपरीत प्रतिक्रिया देखकर उनके प्रधानमंत्री को पद छोड़ना पड़ा। क्या यहां भी वैसा ही होगा?”
ठाकरे ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जाने माने अर्थशास्त्री हैं। इसलिए उनकी बातों और विचार को गंभीरता से लेना चाहिए। जिस तरह रकम जमा करवायी जा रही है, लगता है कि आम आदमी से धन लूटा जा रहा है।”