बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा महागठबंधन में सेंध लगाकर लिए गए यू टर्न के बाद से उनके व पूर्व जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव के बीच में पड़ी फूट बढ़ती ही जा रही है। शरद यादव की नाराज़गी और नितीश कुमार से उनकी ख़िलाफ़त अब साफ़ साफ़ नज़र आने लगी है। शरद यादव ने नीतीश कुमार का नाम लिये बिना ही कह दिया है कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ खड़ा होने में डर नहीं लगा, तो अब किसी से क्या डरना।
शरद यादव ने आज सुबह ट्वीट किया, ” आज मधुबनी से निकल कर सुपौल, सहरसा होते हुए सड़क मार्ग से मधेपुरा तक की यात्रा होगी।” शरद यादव ने अपने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी अटैच किया है, जिसमें उनके लिए जय-जय कारे की आवाज आ रही है और लोग उनके काफिले का स्वागत करते हुए उनके समर्थन में नारे लगा रहे हैं। आज यादव का बिहार की तीन दिवसीय यात्रा का तीसरा और आखिरी दिन है। आज की अपनी यात्रा पूरी कर वे दिल्ली लौट जायेंगे, जहां वे स्वयं द्वारा वीपी हाउस में आयोजित किये जाने वाले सम्मेलन की तैयारी में जुटेंगे। अपने दौरे के क्रम में शरद यादव ने नीतीश कुमार का नाम लिये बिना कहा है कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ खड़ा होने में डर नहीं लगा तो अब काहे का डरना।
शरद यादव का कहना है कि उनके साथ आने वालों को डराया जा रहा है, लेकिन उन्हें किसी का डर नहीं है। शरद ने कहा है कि वे कौन होते हैं मुझे डराने वाले? उन्होंने कहा है कि अब परिस्थितियां काफी बदल गयी हैं। शरद की इस पूरी कवायद में जेडीयू सांसद अली अनवर व अरुण श्रीवास्तव उनके साथ खड़े हैं। दोनों पर पार्टी ने कार्रवाई भी की है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा- जेडीयू के गठबंधन के बाद नीतीश कुमार ने भी कल दिल्ली में कह दिया है कि फैसला पार्टी ने सर्वसम्मति से लिया है और शरद यादव अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। वास्तव में बिहार दौरा 70 वर्षीय शरद यादव की नयी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत भी है, जिसके लिए वह बिहार का दौरा कर जमीन टटोल रहे हैं। समाजवादी राजनीतिक धारा में मिलना, बिछड़ना और फिर बिछड़ कर मिलने की परंपरा रही है।