पीयूष चिलवाल । Navpravah.com
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उपजे केरल के कथित लव जिहाद के मामले की सुनवाई करते हुए पूरे मामले की जांच एनआईए को करने को कहा है। कोर्ट ने जांच एजेंसी से यह भी जांच करने के लिए कहा है कि उक्त मामला राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने संबंधी किसी साजिश से तो नहीं जुड़ा है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस चंद्र्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है।
अदालत ने केरल पुलिस को आदेश देते हुए कहा है कि वे केस से जुड़ी तमाम फाइलें और जानकारियां एनआईए को सौंपें और उनका जांच में सहयोग करें ताकि एनआईए तटस्थ एवं सटीक जांच रिपोर्ट पेश करे। इससे पूर्व इस मामले में अनियमितता बरतने के चलते केरल पुलिस को केरल हाईकोर्ट से लताड़ लग चुकी है।
कोर्ट ने शफीन जहान की याचिका पर यह फैसला सुनाया। इससे पूर्व शफीन ने अखिला अशोकन नाम की युवती से निकाह किया है जिस पर आपत्ति जताते हुए लड़की के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उनकी बेटी लव जिहाद का शिकार बनी है, उसका धर्मांतरण करना और तीन बार नाम बदलना इस बात की पुष्टि करता है। अखिला के पिता ने यह भी कहा है कि शफीन आईएसआईएस से जुड़ा है और वो अखिला को भी उसके लिए काम करने के लिए प्रताड़ित कर रहा है।
अदालत ने शादी को रद्द कर दिया है। इधर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच एनआईए को सौंपने पर शफीन के वकील ने कहा कि केरल पुलिस हाईकोर्ट के सुपरविज़न में काम कर रही है। जिस पर कोर्ट ने उन्हें यह कहकर लताड़ लगाई की वे मामले को बाहर क्यों नहीं आने देना चाहते हैं। हमने एनआईए से इस केस में हमारा सहयोग करने को कहा है हम जानना चाहते हैं कि यह मामला सिर्फ केरल का है या मामला कुछ और है।
अदालत ने यह भी कहा कि वे इस मामले में अपनी आंखें नहीं मूंद सकते हालांकि वे लव जिहाद के ट्रेंड से प्रभावित नहीं हैं।
याची ने मामले से “लव जिहाद” शब्द हटाने की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।