सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
उच्चतम न्यायालय ने जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कतार लगाकर दर्शन करने की व्यवस्था लागू करने के दौरान 3 अक्टूबर को हुई हिंसा पर संज्ञान लेते हुए कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी हथियार लेकर और जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकता है।
3 अक्टूबर को एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन ने पंक्तिबद्ध दर्शन की व्यवस्था के विरोध में 12 घंटे का बंद रखा था, इस दौरान मंदिर परिसर में हुई हिंसा में नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
सरकार ने बताया कि, जगन्नाथ मंदिर के भीतर कोई हिंसा नहीं हुई थी, मंदिर प्रशासन के कार्यालय पर हमला कर उसमें तोड़फोड़ की गई थी। मंदिर के अधिकारी कतार लगाकर दर्शन की व्यवस्था प्रायोगिक आधार पर शुरू की गई है।
जगन्नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंक्ति व्यवस्था शुरू करने के खिलाफ एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन के 12 घंटे के बंद के दौरान 3 अक्टूबर को भड़की हिंसा में 10 पुलिसकर्मियों सहित करीब 30 लोग घायल हो गए थे।
इस पर जोर देते हुए कि बंद अभी और तेज होगा, पटनायक ने कहा कि, जिस तरीके से नई प्रणाली शुरू की गई है, इससे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं, श्री जगन्नाथ सेना के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने पटनायक को तुरंत छोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है।