सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
बहुजन समाज पार्टी से निकाले गए नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आरोप लगाया है कि मायावती ने मुसलमानों को गद्दार कहा था। सिद्दीकी ने बताया कि मायावती ने मुझसे पूछा था मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं दिए? इसके बाद उन्होंने मुस्लिमों को दाढ़ी वाले कहते हुए और भी गलत शब्द कहे। सिद्दीकी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ये सब जानकारी दी। सिद्दीकी ने माया से बातचीत की कुछ रिकॉर्डिंग भी सुनाईं और दावा किया कि मेरे पास ऐसी 150 सीडी हैं, अगर मै उसका खुलासा कर दूं तो मेरा मर्डर हो जाएगा।
सिद्दीकी ने आगे कहा कि, “हार के बाद मुझे मायावती ने बुलाया। मेरे बेटे पर आरोप लगाए गए, मायावती ने मुझे कमी बताने के लिए कहा था।“ मैंने मायावती से कहा कि जिन कांशीराम ने आपको राजनीति सिखाई, आप अपने को उनसे बड़ा मानने लगीं, इस पर वो नाराज हो गईं और कहा कि मैं आपके खिलाफ कार्रवाई करूंगी तो मैंने कहा तो आप कर दीजिए।”
सिद्दीकी के मुताबिक, “ मैंने उनसे कहा कि आपकी सुरक्षा का हमने हमेशा ख्याल रखा। मायावती ने मुझसे चुनाव के लिए 50 करोड़ रुपए मांगे, जब मैंने कहा कि मैं कहां से लाऊं, तो वो बोलीं कि प्रॉपर्टी बेच दो।”
सिद्दीकी के मुताबिक, “मायावती मुझसे प्रोग्रेस रिपार्ट मांगती रहीं। मैंने जिस पार्टी को 34 साल तक सींचा, उस पार्टी को छोड़कर मैं कैसे चला जाता। जिस पार्टी के लिए मैंने अपनी बेटी का मरा मुंह नहीं देखा, उस पार्टी को छोड़कर मैं कैसे चला जाता।”
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 के चुनाव में मैंने कुछ लोगों से रुपए ले लिए कि हमारी सरकार बनने वाली है। मैं सरकार बनने के बाद उनके काम करूंगा। किसी एक उद्याेगपति का नाम सामने लाओ।
सिद्दीकी ने 1996 के यूपी विधानसभा का जिक्र करते हुए कहा, इस चुनाव में मायावती बदायूं के बिल्सी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही थीं, उस समय मायावती ने मुझे अपना चुनाव इंचार्ज बनाया था, ‘उस समय मेरी सबसे बड़ी बेटी की तबियत खराब चल रही थी। पत्नी ने फोन पर रो-रोकर कहा कि लौट आइए, बेटी आखिरी सांसें ले रही है। जब इस बारे में मैंने मायावती से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि चुनाव फंसा हुआ है। तुम ही मेरे इलेक्शन एजेंट और इलेक्शन इंचार्ज हो। तुम्हारे जाने का मतलब चुनाव हारना है। मायावती ने उस समय स्वार्थवश मुझे जाने नहीं दिया और इलाज के अभाव में मेरी बेटी की मौत हो गई। यही नहीं, मायावती ने अंतिम संस्कार में भी नहीं जाने दिया। इस तरह मैं अपनी बेटी का मरा मुंह भी नहीं देख सका।