सीएसए का बड़ा फैसला, डोपिंग मामले में नरसिंह यादव पर 4 साल का प्रतिबन्ध

ब्यूरो,

खेल की सबसे बड़ी अदालत-कोर्ट फॉर अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) ने लम्बी सुनवाई के बाद भारतीय पहलवान नरसिंह यादव पर 4 साल प्रतिबन्ध लगाया है। न्यायालय ने यादव को डोपिंग मामले में क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर वाडा की अपील को स्वीकार कर लिया।

सीएसए द्वारा वाडा की अपील को स्वीकार किए जाने का सीधा मतलब है कि नरसिंह यादव का भविष्य अंधकारमय है और वे इस ओलम्पिक में भी भाग नहीं ले सकेंगे। वाडा ने अपनी अपील में नाडा के क्लीन चिट को गलत बताया था और सीएसए के समक्ष अपील की थी कि नरसिंह यादव पर 4 साल का प्रतिबन्ध लगाया जाए।

रियो ओलंपिक में भारत के प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख राकेश गुप्ता ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, “यह बेहद दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सुनवाई के अंतिम चरण तक आशान्वित थे। हमें उम्मीद थी कि नरसिंह को क्लीन चिट मिल जाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं सका। नरसिंह में पदक जीतने की क्षमता है।”

सीएएस के एडहॉक डिविजन ने गुरुवार को यहां वाडा की अपील पर सुनवाई के लिए बैठक की और उन पर चार साल का प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। नाडा की उस बात पर कि नरसिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी की साज़िश का शिकार हुए, सीएसए ने मानने से इन्कार कर दिया। सीएसए ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि इस बात का क्या सबूत है कि इन सभी मामले में नरसिंह निर्दोष हैं। ऐसे में सीएसए ने यादव पर 4 साल का प्रतिबन्ध लगा दिया गया।

गौरतलब है कि डोपिंग टेस्ट के बाद नाडा ने नरसिंह को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का आरोपी करार दिया था, लेकिन नरसिंह ने कहा था कि उन्हें फंसाया गया है।

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