अमित द्विवेदी,
मुम्बई में हुए हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ बरेली में एक फतवा जारी किया गया। फतवे में उसे इस्लाम से खारिज़ करते हुए उसे मुसलमान मानने और उसकी बातों पर गौर करना नाजायज़ कहा गया।
मंजर-ए-इस्लाम सौदागरान संस्था के मुफ्ती मुहम्मद सलीम बरेलवी ने जयपुर के रहने वाले मुहम्मद मोइनुद्दीन नामक व्यक्ति द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि हाफिज सईद का इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने कहा कि जो मासूमों और गुनाहगारों का क़ातिल है वो मुसलमान नहीं हो सकता।
मोइनुद्दीन ने पिछले दिनों मुफ्ती से सवाल किया था कि जो अल्लाह और रसूल की बातों का पालन न करता हो और लोगों को भटका कर उन्हें आतंकवादी बनाता हो, क्या उसे मुसलमान माना जा सकता है। इस सवाल के जवाब में मुफ्ती सलीम ने जवाब दिया कि अल्लाह और रसूल (मुहम्मद साहब) की शान में गुस्ताखी करने वालों से किसी भी तरह का ताल्लुक रखना नाजायज और हराम है, लिहाजा हाफिज सईद ऐसे लोगों से सम्बन्ध रखने की वजह से इस्लाम से खारिज हो चुका है। उसे मुसलमान मानना और उसकी बातों को सुनना भी नाजायज है।
फतवे के मुताबिक, सईद अपने बुरे कर्मों से पूरी दुनिया में इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम कर रहा है। इसकी वजह से पूरा मुस्लिम समाज शर्मसार हो गया है। इसलिए मुसलमान इस आतंकवादी को न तो मुसलमान मानें न ही इसकी बातों को सुनें।