एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में आज गुजरात हाई कोर्ट ने माया कोडनानी को बरी कर दिया है। आज मामले की सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने एसआईटी के फैसले को पलटते हुए माया कोडनानी की सजा को खत्म कर दिया है।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि माया कोडनानी निर्दोष हैं। SIT की विशेष अदालत ने माया कोडनानी को 28 सालों की सजा सुनाई थी। वहीं, कोर्ट ने दोषी बाबू बजरंगी की सजा को बरकरार रखा है।
कोडनानी को बरी किए जाने के बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि कोडनानी को बरी करना एक बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि जब बाबू बजरंगी की सजा को कोर्ट ने बरकरार रखा तो कैसे कोडनानी को बरी किया जा सकता है।
जस्टिस हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया की पीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले साल अगस्त में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। इस केस में स्पेशल कोर्ट ने बीजेपी विधायक माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत 32 लोगों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
बता दें कि, 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियां जलाने की घटना के बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में नरसंहार हुआ था। इस दौरान 97 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे। इस डिब्बे में 59 लोग थे। जिसमें ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे कार सेवक थे।