एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
हार्ट अटैक आज के समय में आम समस्या बन गई है। दिल की बीमारी का इलाज समय से कराना चाहिए नहीं तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। दिल की बिमारियों का इलाज महंगा होता है इसलिए आम आदमी इसका खर्चा उठाने में सक्षम नहीं होता है।
इलाज के लिए पैसे नहीं होने पर यह और भी जानलेवा होना लाजमी है। हार्ट अटैक के लिए आयुर्वेदिक उपाय मौजूद हैं जिससे इसका इलाज संभव है।
हार्ट अटैक आने से पहले कुछ लक्षण सामान्य होतें हैं जिनसे हार्ट अटैक की संभावनाओं का पता चल जाता है। ऐसे समय में सांस फूलना आम बात हैं। ऐसे में ज्यादा पसीना, सीने में दर्द और जलन, उल्टी आना, सिल चकराना, घबराहट होना महसूस होता है।
आयुर्वेद की मदद से बिना एंजियोप्लास्टी के करीब 80 फीसदी हार्ट अटैक की संभावना को टाला जा सकता है। इससे दिल की दूसरी बीमारियां भी कम हो जाती है।
दिल में खून सही मात्रा में नहीं पहुंचना हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ा देता है ऐसे में हार्ट ब्लॉकेज को खोलने के लिए चिकनाई से पैदा होने वाले एसिड को खत्म किया जाता है।
हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए ब्लड एसिडिटी को क्षारिय वस्तुएं खाने की सलाह दी जाती है। इसे खाने से ब्लड में अम्लता घट जाती है और ब्लॉकेज खुल जाता है। ऐसे में लौकी की सब्जी और लौकी का जूस फायदेमंद है। जो रक्त की अम्लता कम करती है।
लौकी की जूस में तुलसी की पत्ते को मिला कर पिया जा सकता है। तुलसी की पत्ती में क्षारीय गुण होते हैं इसके अलावा पुदीना भी मिला कर पीने पर लाभ मिलता है।