शिखा पाण्डेय|Navpravah.com
वर्ष 2017 का इकोनॉमिक्स क्षेत्र का नोबल पुरस्कार अमेरिका के दिग्गज अर्थशास्त्री रिचर्ड एच थेलर को दिया गया है। रॉयल स्वीडिश अकेडमी ने कहा कि थेलर ने इकोनॉमिक्स और साइकोलॉजिकल एनालिसिस के बीच एक ब्रीज बनाने का काम किया है। अवार्ड के रूप में उन्हें 9 मिलियन स्वीडिश क्रोन (1.1 मिलियन डॉलर) यानी करीब 7 करोड़ रुपए प्राइज दिया जाएगा।
12 सितंबर, 1945 को जन्मे अमेरिकी अर्थशास्त्री थेलर शिकागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वो अर्थशास्त्र में कई प्रसिद्ध किताब लिख चुके हैं। नोबल ज्यूरी के अनुसार साइकोलॉजी और इकोनॉमिक्स के तार किस तरह जुड़े हैं, इस क्षेत्र में थेलर ने काफी काम किया है। जूरी टीम के अनुसार थेलर ने किसी व्यक्ति के आर्थिक फैसले लेने के पीछे के मनोवैज्ञानिक कारणों के व्यावहारिक अर्थशास्त्र की सूक्ष्म पड़ताल की है, जो इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में उनका अतुलनीय योगदान दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि इस साल के इकोनॉमिक्स नोबेल की रेस में भारत की ओर से आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन भी शामिल थे। राजन और थेलर के अलावा अन्य 4 लोग भी इस रेस में शामिल थे।
महत्त्वपूर्ण तथ्य-
-क्लैरिवेट एनालिटिक्स एकेडमिक और साइंटिफिक रिसर्च अपने रिसर्च के आधार पर नोबल पुरस्कार के संभावित विजेताओं की लिस्ट भी तैयार करती है।
– इकोनॉमिक्स के नोबल पुरस्कार को आधिकारिक तौर पर स्वेरिजेज रिक्सबैंक प्राइज कहा जाता है।
– इसकी शुरुआत 1968 में हुई थी। अर्थशास्त्र को काफी देर बार नोबल पुरस्कारों में शामिल किया गया।
-भारत के पूर्व आरबीआई गर्वनर भी उन छह अर्थशास्त्रियों में से एक थे, जिन्हें क्लैरिवेट एनालिटिक्स ने इस साल अपनी लिस्ट में शामिल किया था। कॉर्पोरेट फाइनेंस के क्षेत्र में किए गए काम के लिए राजन का नाम लिस्ट में आया था।