अनुज हनुमत,
लगातार बिहार एक के बाद एक घटनाओं के कारण सुर्ख़ियों में बना रहता है। ऐसे में सीएम नितीश कुमार के ऊपर भी प्रदेश की शासन व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त दबाव है। बिहार में नक्सिलयों की समस्या एक बार फिर तेजी पकड़ने लगी है। बिहार के गया और औरंगाबाद सीमा पर सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के 10 जवान शहीद हो गए जबकि 4 अन्य घायल हो गये।
प्राप्त सूचना के अनुसार मुठभेड़ में तीन नक्सली भी मारे गए हैं और इन तीनों नक्सलियों के शव भी बरामद कर लिए गए हैं, जबकि भारी संख्या में हथियार एवं गोलाबारूद मिले हैं। खबर यह है कि खराब मौसम के कारण जंगल में फंसे घायल जवानों को 10 घंटे तक चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल सकी। औरंगाबाद एसपी बाबूराम के नेतृत्व में नक्सलियों के खिलाफ पहड़तली इलाके में सर्च आपरेशन चल रहा है।
बता दें कि सीआरपीएफ के जवान इस इलाके में 16 जुलाई से ही नक्सलियों की खोज में निकले थे। सोमवार सुबह साढ़े 11 बजे नक्सलियों का इलाके में सीआरपीएफ जवानों से आमना-सामना हुआ। सबसे पहले नक्सलियों ने जवानों पर गोलाबारी की और फिर आईईडी धमाके भी किए। इसके बाद मगध क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक सौरव कुमार ने उक्त मुठभेड़ की पुष्टि।
दरअसल नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को घेरने के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थी। जैसे ही डुमरी नाला पर सुरक्षाबल पहुंचे, तो उन्हें निशाना बनाने के लिए एक के बाद एक करीब 30 लैंडमाइंस विस्फोट किए गए। चारों ओर से हमला होने के बावजूद जवानों ने मोर्चा संभाला और उनकी जवाबी कार्रवाई में कई नक्सलियों को गोली लगी।