आनंद द्विवेदी,
भाजपा के दयाशंकर सिंह ने मायावती के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था, जिसके एवज में उनका 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासन किया गया। प्रतिशोध की ज्वाला में जल रहे बसपाइयों ने भी वही दुष्कर्म कर डाला, जिसके लिए वो उपद्रव मचाते रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लखनऊ में सैकड़ों बसपाइयों ने गालियां बरसाते हुए आपत्तिजनक नारे लगाए। उधर दिल्ली में मायावती ने भी खुद को देवी घोषित कर डाला। उन्होंने कहा कि कमजोर तबका मुझे बहन के साथ देवी की तरह मानता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वहीं मध्य प्रदेश के ग्वालियर में विरोध ने उपद्रव का स्वरुप ले लिया। गुरुवार को बसपाई उपद्रवियों ने ग्वालियर शहर में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसने बाद में उपद्रव का स्वरुप ले लिया। बसपाइयों का ये उपद्रव तकरीबन दो घंटे तक चला। इन्होंने पड़ाव चौराहा, फूलबाग चौराहा, अम्बेडकर उद्यान के सामने तथा महाराज बाड़ा पर राहगीरों से मारपीट कर डाली और वाहनों में तोड़फोड़ की।
उपद्रवियों का मन इतना बढ़ा था कि इन्होंने महिलाओं और स्कूली बच्चों को भी नहीं बख्शा। जुलूस के दौरान उपद्रवी गाड़ियों में खाली बीयर की बोतलें व डंडे भरकर लाये थे। शहर पुलिस ने बसपा जिलाअध्यक्ष समेत नौ पर नामजद व 200 अन्य अज्ञात के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज़ किया है।
इस मामले में बसपा जिलाध्यक्ष का कहना है कि, “ये उपद्रव बसपा के नहीं भाजपा के कार्यकर्ताओं ने किया, जो पार्टी की छवि खराब करना चाहते हैं।”