अनुज हनुमत,
यूपी में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने हैं, शायद इसीलिए सूबे के सभी सियासी दल एक दूसरे पर छींटाकशी करने में पीछे नहीं रहना चाहते। आज इसी तरह की एक तस्वीर लखनऊ में दिखी, जहाँ बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की रैली के ऊपर तंज कसते हुए कहा कि बुधवार की रैली पूरी तरफ से ‘फ्लॉप’ थी और बीजेपी को अब खुद ही पछतावा हो रहा होगा कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया।
आज मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य की रैली पर चुटकी लेते हुए कहा कि पिछले कई महीने से रात दिन मेहनत की जा रही थी और उत्तर प्रदेश के लोगों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने का आश्वासन दिया जा रहा था। बीजेपी ने अपनी इज्जत बचाने के लिए अपने समर्थकों की भीड़ जुटाई, इसके बावजूद बीएसपी के बागी मौर्य की रैली फ्लॉप रही। अब तो खुद बीजेपी को लग रहा है कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि मौर्य का कार्यक्रम उसी तरह विफल रहा, जैसे कुछ दिन पूर्व बीएसपी के एक अन्य बागी जुगल किशोर का दलित आयोजन रहा था। उसमें भी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के शामिल होने की वजह से भीड़ जुटाने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंकी थी।
मायावती यही नहीं रुकी उन्होंने कहा कि, ‘एक दलित की बेटी अच्छे बंगले में रहे, ये जातिवादी मानसिकता रखने वाली बीजेपी और उसके शीर्ष नेतृत्व अमित शाह को हजम नहीं हो पा रहा है और ये उनके भाषण से भी साफ तौर पर स्पष्ट होता है।’
गौरतलब हो कि इससे पहले रैली के दौरान अमित शाह ने मायावती के दिल्ली स्थित बंगलों का उल्लेख करते हुए कहा था कि, ‘मायावती के जितने बंगले दिल्ली में हैं, उनकी ही कीमत दलितों में बांट देतीं तो हर दलित के घर में एयरकंडीशन लग गया होता।’ इसी बयान के बाद जवाबी हमले में मायावती ने आज तीखे अंदाज में दो टूक जवाब दिया।
अब जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आएगी वैसे ही तमाम पार्टी के सियासतदारों के बीच शीत युद्ध का सिलसिला और जोर पकड़ेगा। आज स्वामी प्रसाद मौर्य और भाजपा के ऊपर जिस प्रकार तीखे अंदाज में बसपा सुप्रीमो मायावती ने जुबानी प्रहार किया है, उससे स्पष्ट है कि आगे भी वह अपने इसी अंदाज में विरोधियों को जवाब देंगी।