स्वयं बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस सिस्टम से पहले मैट्रिक और इंटर 2016 की कंपार्टमेंटल परीक्षाओं का मूल्यांकन किया जायेगा। इसके तहत उत्तर पुस्तिका की जांच शिक्षक मैनुअल नहीं करेंगे, बल्कि उत्तर पुस्तिका की जांच शिक्षक कंप्यूटर पर करेंगे। कंप्यूटर में शिक्षकों को उत्तर पुस्तिका की साफ्ट कॉपी उपलब्ध करवायी जायेगी।
इस सिस्टम से लाभ यह होगा कि हर प्रश्न की जांच होगी। कोई प्रश्न चेकिंग के दौरान छूट नहीं पायेगा और स्क्रूटनी की जरूरत नहीं होगी। साथ ही रि-टोटलिंग करने की जरूरत नहीं होगी। कोई भी गलत मूल्यांकन नहीं हो पायेगा। स्टेप वाइज मार्किंग पूरी तरह से फॉलो हो पायेगी। उत्तर पुस्तिका गायब होने या बदल जाने जैसी घटनाएं नहीं घटेगी। टेबुलेशन संबंधित गलतियां नहीं हो पाएंगी।
बोर्ड के मुताबिक इसके लिये शिक्षकों को बकायदा ट्रेनिंग दी जायेगी। यदि इस सिस्टम के साथ कंपार्टमेंटल परीक्षाओं के मूल्यांकन में समिति सफल हो जायेगी, तो इसे 2017 के मैट्रिक और इंटर के मूल्यांकन में भी लागू किया जायेगा।
बोर्ड के अध्यक्ष ने मीडिया को बताया,” जब मूल्यांकन डिजिटल मार्किंग सिस्टम से किया जायेगा, तब मार्क्स देने में गलती शिक्षक नहीं कर पायेंगे। रिजल्ट तैयार करने में पूरा महीना नहीं बल्कि दस दिन लगेंगे और उत्तर पुस्तिका को बदलना संभव नहीं होगा।”