सौम्या केसरवानी | Navpravah.Com
#METOO कैंपेन के जोर पकड़ते ही कई नामी-गिरामी चेहरे कठघरे में खड़े हो गए हैं, इसी क्रम में विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर, जो पहले कई अखबारों और पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं, उन पर अब तक 10 महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि सीनियर जर्नलिस्ट रहे अकबर होटल के कमरे में उनका इंटरव्यू लेते थे और फिर उन्हें अपना बिस्तर और शराब ऑफर करते थे, अकबर ने इन आरोपों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
अब इस मामले में लोगों की प्रतिक्रियायें आने लगी हैं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम विपक्ष पीएम मोदी से इस मामले पर चुप्पी तोड़ने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार ने चुप्पी साधी हुई है।
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर को पद से हटाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, ये सही वक्त है, सामने आइए और इसकी रिपोर्ट करिए ताकि हमारे समाज में मौजूद ऐसे लोगों को सबक सिखाया जा सके और उन्हें सलाखों के पीछे भेजने की जरूरत है।
वहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने एमजे अकबर पर लगे आरोपों पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया है, उमा भारती ने कहा, ये मामला उस समय का है, जब वो केंद्र सरकार में शामिल नहीं थे, इसलिए ये मामला अकबर और उन महिलाओं के बीच का है, सरकार इस पर कुछ नहीं कर सकती है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मी टू कैंपेन में घिरे विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर के बारे में पूछने पर कहा कि, इस मुद्दे पर वही सही बता सकते हैं, उन्होंने कहा मीडिया अकबर की महिला सहयोगियों की बातें सामने ला रहा है, मेरा मानना है कि जो भी महिलाएं आपबीती बता रही हैं उन्हें न तो बदनामी का शिकार बनाया जाना चाहिए और न उनका मजाक उड़ाना चाहिए।
इस मामले में बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मीटू कैंपन का समर्थन किया है, एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर स्वामी ने कहा, अकबर मंत्री हैं, उन्हें पीएम मोदी ने मंत्री बनाया है, प्रधानमंत्री को इस पर बोलना चाहिए।
वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री परिषद से हटाए जाने की मांग की है, उन्होंने ट्वीट किया है कि, अकबर शर्म करिए! और आप तीन तलाक विधेयक पर बहस के दौरान संसद में खड़े होकर मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके उत्पीड़न को रोकने की बात करते हैं।