अमित द्विवेदी,
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए 500 व 1000 के नोट बंद किए जाने के फैसले की निंदा लगभग सभी विपक्षी पार्टियां कर रही हैं। जनता भले तकलीफ उठा रही हो, पर फैसले की सराहना भी कर रही है। वहीं कई लोग ऐसे हैं, जो इस फैसले से बेहद नाराज हैं, क्योंकि उन्हें अचानक बंद हुए इन नोटों से बहुत बड़ी बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में अन्य राजनैतिक दलों से समर्थन मांगा है व राष्ट्रपति से इसके खिलाफ गुहार लगाने का सुझाव दिया है।
ममता ने कहा है कि वह 500, 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के खिलाफ प्रतिद्वंदी कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया-मार्क्सवादी के साथ आने को भी तैयार हैं। उन्होंने लेफ्ट पार्टियों के महासचिव सीताराम येचुरी का आह्वान कर कहा कि भाजपा और इसके जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ मिलकर लड़ाई की जाए।
बनर्जी ने कहा है कि उन्होंने अन्य पार्टियों के नेताओं से भी बात की थी। उन्होंने कहा, ”आइए मिलकर इससे लड़ें ताकि आम जनता, गरीबों को राहत मिले, यह वित्तीय अराजकता रुके।” हालांकि एक वरिष्ठ सीपीआई-एम नेता ने बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह अपनी ही पार्टी के नेताओं को बचाना चाहती हैं, जो कथित तौर पर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।