लखनऊ में मोदी के ‘जय श्री राम’ उदघोष से घबराए विपक्षी, पार्टियों में मची खलबली

अनुज हनुमत,

कल मंगलवार को विजयादशमी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ की ऐतिहासिक एशबाग की रामलीला में शामिल हुए। पीएम मोदी ने दशहरा कार्यक्रम में अपने भाषण के माध्यम से सर्वप्रथम सभी देशवासियों को दशहरा की शुभकामनायें दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ‘जय श्री राम’ के उदघोष से की।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के लिए समान अधिकार की वकालत करते हुए लोगों से अपील किया कि लड़के और लड़की के बीच भेदभाव बंद होना चाहिए और ‘अपने घरों की सीता’ को बचाना चाहिए। पीएम मोदी ने सवाल किया कि आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहले कौन लड़ा था? फिर खुद ही जवाब दिया, ‘रामायण गवाह है कि आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहले जिसने लड़ाई लड़ी थी, वो जटायू ने लड़ी थी। एक नारी की रक्षा के लिए रावण जैसे सामर्थ्यवान शक्ति के खिलाफ जटायू लड़ता रहा, जूझता रहा। आज भी अभय का संदेश कोई देता है तो वो जटायू देता है, इसलिए सवा सौ करोड़ देशवासी राम तो नहीं बन पाते हैं। लेकिन अनाचार, दुराचार, अत्याचार के सामने हम जटायू के रूप में तो कोई भूमिका अदा कर ही सकते हैं।’

अपने 25 मिनट के भाषण में प्रधानमन्त्री मोदी यहीं नहीं रुके। उन्होंने सभी देशवासियों से गंदगी और अशिक्षा से मुक्ति के लिए भी संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे भीतर ऐसी चीजें जो रावण के रूप बिखरी पडी हैं, उससे इस देश को मुक्ति दिलानी है।’

पीएम ने कहा कि चाहे जातिवाद हो या वंशवाद, ऊँच नीच की बुराई हो, संप्रदायवाद का जुनून हो, ये सारी बुराइयां किसी ना किसी रूप में रावण हैं, इसलिए इनसे मुक्ति पाना हमारा संकल्प होना चाहिए। लखनऊ के ऐतिहासिक मैदान से बोलते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘श्रीकृष्ण के जीवन में भी युद्ध था और राम के जीवन में भी युद्ध था, लेकिन हम वो लोग हैं, जो युद्ध से बुद्ध की ओर चले जाते हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘समय के बंधनों से, परिस्थिति की आवश्यकताओं से युद्ध कभी कभी अनिवार्य हो जाते हैं लेकिन ये धरती का मार्ग युद्ध का नहीं बल्कि बुद्ध का है। हम हमारे भीतर के रावण को खत्म करने वाले और अपने देश को सुजलाम सुफलाम बनाने के लिए संकल्प करने वाले लोग हैं।’

मोदी ने कहा, ‘अगर सवा सौ करोड़ देशवासी एक बनकर आतंकवादियों की हर हरकत पर ध्यान रखें और चौकन्ने रहें तो आतंकवादियों का सफल होना बहुत मुश्किल होगा।’

अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन करार देते हुए कहा कि आतंकवाद को आज जड़ से खत्म करने की जरूरत है और जो आतंकवाद को पनाह देते हैं, उन्हें भी नहीं बख्शा जा सकता। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद को खत्म किए बिना मानवता की रक्षा संभव नहीं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण का समापन भी ‘जय श्रीराम’ और ‘जय जय श्रीराम’ के उदघोष के साथ किया। मैदान में मौजूद जनता ने उनका साथ दिया और पूरे वातावरण में जय श्रीराम से गूंज उठा। जानकारों की माने तो यूपी विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का ये कार्यक्रम काफी अहम साबित हो सकता है।

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