यह हमला स्थानीय समय के अनुसार रात 8 बजे से कुछ ही देर पहले शुरू हुआ। पहले खबर आयी थी कि सेना की ड्रेस पहने कम से कम तीन बंदूकधारी मस्जिद में घुसे हैं और उन्होंन लोगों को बंधक भी बना रखा है। बाद में अधिकारियों ने बताया कि एक ही बंदूकधारी था, जिसे मार गिराया गया। अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि इस हमले में 14 लोगों के मारे जाने की व 26 लोगों के घायल होने की पुष्टि की। यह संख्या बढ़ भी सकती है।
काबुल यूनीवर्सिटी के पास स्थित इस मस्जिद के भीतर फंसे लोगों को विशेष सुरक्षा बल के जवानों ने बाहर निकाला। मरने वालों में 13 नागरिक और एक पुलिस कर्मी शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक जोरदार धमाका हुआ और उसके बाद गोलीबारी की आवाज सुनाई दी। काबुल पुलिस प्रमुख अब्दुल रहमान राहिमी ने बताया कि दरगाह को खाली करा दिया गया है। सरकार के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने बताया कि पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए मस्जिद की घेरेबंदी की।
सिद्दीकी ने बताया कि इस हमले में तीन पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। फिलहाल इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। राष्ट्रपति अशरफ घनी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि मानवता के खिलाफ क्रूरता भरा कदम है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में पिछले दिनों में शियाओं पर हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है। जुलाई में शिया-हजारा समुदाय पर हुए एक हमले में 80 लोगों की मौत हो गई थी।