एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुए वैन हादसे में अपने बच्चों को खोने वाले माता-पिता सदमे में हैं। अपने बच्चों को याद करते हुए बार-बार उनकी आंखें नम हो जा रही हैं।
इस हादसे में एक मां ने तो एक साथ अपने तीनों बच्चे खो दिए, वो रोते हुए कहती हैं। वो (बच्चे) मुझे टाटा कहकर गए थे। क्या पता था ये उनका आखिरी अलविदा है।
कुशीनगर जिला अस्पताल की मॉर्चुरी में तीनों बच्चों के शवों को देखकर पिता अमरजीत बेहोश हो गए। होश आने पर चीखों और आंसुओं के साथ उन्होंने बच्चों संतोष। रवि और रागिनी के शवों को गले लगा लिया।
ड्राइवर की लापरवाही के कारण भविष्य की अपनी पूरी पीढ़ी खो देने वाले अमरजीत कहते हैं कि वे अब अपनी पत्नी को कैसे मुंह दिखाएंगे। वो हमेशा कहती थी कि इस ओवरलोड वैन में बच्चों को मत भेजो। लेकिन मैंने नहीं सुनी।
दूसरी ओर तीनों बच्चों को खोने वाली मां लगातार रो रही हैं। थोड़ा सा होश आने पर बस वो यही कहती रहती हैं कि, इतना बड़ा अन्याय हमारे साथ क्यों किया भगवान ने..कौन से पापों की सजा हमारे बच्चों को दी है।
कुशीनगर में हादसे के बाद अस्पताल के मॉर्चुरी का दृश्य दिल दहला देने वाला था। माता-पिता अपने बच्चों की खोज में शवों पर से सफेद चादर खींच रहे थे। जैसे ही उन्हें अपने बच्चे की लाश मिलती वे चीख मारते हुए रो पड़ते और जमीन पर गिर जाते।
अस्पताल की ओर से बताया गया कि अपने बच्चों की तलाश में आए माता-पिता जब उनकी लाशें देखते तो हालात काबू करना मुश्किल हो जाता। शवों को देख किसी का बीपी बढ़ गया तो कोई बेहोश हो गया। जिस वजह से उन्हें इमरजेंसी वार्ड में एडमिट किया गया।