अनुज हनुमत,
नई दिल्ली। हिन्दुस्तान का स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर इन दिनों हिंसा की आग में जल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, घाटी में चल रही हिंसक झड़पों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 लोग घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मामले पर समीक्षा के लिए पार्टी के वरिष्ठों की एक बैठक बुलाई है। ऐसे कठिन समय में रेलवे ने जम्मू से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। जिससे कश्मीर में फंसे लोगो को निकाला जा सके।
हिंसा प्रभावित कश्मीर में कानून-व्यवस्था कंट्रोल करने के लिए सीआरपीएफ के 800 अतिरिक्त जवान भेजे गए हैं। आर्मी अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक हालात नहीं सुधरते, इंटरनेट सेवा चालू नहीं होगी। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी सहित कई नेताओं से मुलाकात की और जम्मू एवं कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा की।
देर शाम खबर आई कि श्रीनगर के नौहट्टा में लोगों ने सीआरपीएफ पर ग्रेनेड हमला किया, जिसमें 11 जवान जख्मी हो गए। घाटी के कुछ स्थानों में अधिक हिंसा के डर के बीच तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है, जबकि सोमवार को सरकार ने अमरनाथ तीर्थयात्रा फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी जिससे यात्रियों ने चैन की साँस ली। गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि गृहमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित कई नेताओं से कश्मीर मसले पर चर्चा की। गृहमंत्री ने ऐसा करते हुए कश्मीर घाटी में शांति कायम करने के उद्देश्य से सभी संबंधित पक्षों तक पहुंचने की कोशिश की है। गृहमंत्री ने सभी दलों से कश्मीर मसले पर एक स्वर में आवाज उठाने की अपील की। वहीं दूसरी ओर कश्मीर के विपक्षी दल के नेताओं के सुर अभी भी जहर ही उगल रहे हैं। जोकि भारतीय लोकतंत्र के लिए घातक है। पिछले दिनों उमर अब्दुल्ला ने जिस तरीके से वानी को युवा आइकॉन बताया था। उनके इस बयान की पूरे देश में जमकर आलोचना हुई थी ।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 29 प्रदर्शनकारी और एक पुलिस वाहन का चालक शामिल है, जबकि पुलिस ने मृतकों की संख्या 23 बताई है। अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जिलों में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में ये मौतें हुई हैं।