एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर ने देश के मुख्य न्यायधीन जस्टिस दीपक मिश्रा से एक फुल कोर्ट मीटिंग बुलाने की मांग की है। इस संदर्भ में जस्टिस चेलमेश्वर ने पिछले सप्ताह सीजेआई के एक पत्र भी लिखा था।
जस्टिस चेलमेश्वर की मांग है कि फुल कोर्ट यह निर्णय ले कि जजों की नियुक्ति वाले कॉलेजियम सिस्टम को नजरअंदाज करके हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति में सरकार का हस्तक्षेप कितना उचित है कि नहीं, हालांकि उन्हें अब तक उनके पत्र का जवाब नहीं मिला है।
जस्टिस चेलमेश्वर ने चीफ जस्टिस के नाम लिखी 5 पेज की अपने पत्र की कॉपी सुप्रीम कोर्ट के 22 और जजों को भी भेजी है। उन्होंने लिखा है कि सरकार जिन नामों से असहज महसूस कर रही है उन्हें वह या तो नजरअंदाज कर रही है या टाल रही है।
उन्होंने आगे लिखा है कि, मुझे लगता है कि अब यह मामला फुल कोर्ट में विचार करने योग्य है। उन्होंने कहा हमें नहीं भूलना चाहिए कि न्यायपालिका और सरकार के बीच किसी तरह की सांठगांठ लोकतंत्र की हत्या का सूचक है। हमें यह कहना चाहिए कि हम दोनों ही एक दूसरे के प्रहरी है। ना कि एक दूसरे के प्रशंसक।
बता दें कि, मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के सामने एक बार फिर मुश्किल खड़ी हो सकती हैं। कांग्रेस उनके खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों को इस महाभियोग का प्रस्तावित ड्राफ्ट भेजा है।
एनसीपी ने महाभियोग के इस प्रस्ताव की पुष्टि भी की है। एनसीपी के नेता डीपी त्रिपाठी ने बताया कि कई विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी किए हैं। उन्होंने बताया कि एनसीपी और लेफ्ट पार्टियों ने इस प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी भी दे दी है।