राजेश सोनी | Navpravah.com
ऐसे तो भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है पर जमीनी हकीकत में ऐसा है क्या? आज झारखंड के एक सरकारी अस्पताल द्वारा बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जो भारत के स्वास्थ्य सुविधाओं के अभावों को उजागर करता है। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने मृतिक के परिवार को लाश ले जाने के लिए एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराई। जिसके कारण उस बच्ची के पिता को मजबूरन अपनी बेटी की लाश को मोटरसाइकिल पर लादकर ले जाना पड़ा।
बता दें कि यह मामला झारखंड के गोड्डा जिला अस्पताल का है। पेलारी गांव के महादेव शाह, अपने 12 वर्षीय बच्ची का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण 6 दिसंबर को गोड्डा जिला अस्पताल ले गए थे। महादेव शाह की बच्ची को दिल की बीमारी थी। पहले इस बच्ची का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था, उसके बाद इस बच्ची को अंतिम जाँच के लिए रांची के मशहूर अस्पताल सदर में लाया गया था।
डॉक्टर, महादेव शाह की बच्ची को बचाने में असफल रहें और उस बच्ची की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। बच्ची के लाश को ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा पिता महादेव शाह को एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराई गई। अस्पताल प्रबंधन ने लड़की के पिता के आरोपों को ख़ारिज किया है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी इसतरह के कई मामले आ चुके हैं। जहाँ, मृतक के परिजन मृतक की लाश हाथ-गाडी, बेल गाड़ी या बाइक पर ले जाते नजर आ चुके हैं। ओडिशा राज्य के एक मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। जहाँ एक बुजुर्ग आदमी अपने मृतक बीवी की लाश को हाथगाड़ी पर ले जा रहा था।