आज श्रीराम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी गयी है, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसफ की बेंच ने इस मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी के लिए टाल दी है।
चूँकि अब श्रीराम मंदिर मामले की सुनवाई जनवरी में होगी तो फिलहाल रामलला तंबू में ही रहेंगे तथा जल्द मंदिर निर्माण की उम्मीदें ध्वस्त होती नजर आ रही है, अब पूरा संत समाज तथा हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दुनियाभर में रहने वाले हिन्दुओं की नजरें केंद्र की मोदी सरकार के रुख पर टिक गयी है।
जनवरी तक सुनवाई टलने के नाम हिन्दू समाज एक सुर में कानून से श्रीराम मंदिर बनाने की मांग रहा है, देशभर से एक ही आवाज उठ रही है कि जिस तरह से SCST एक्ट पर अध्यादेश लाया गया, जिस तरह से तीन तलाक पर अध्यादेश लाया गया, उसी तरह से श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अभी अध्यादेश लाया जाए।
बता दें कि इससे पहले पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी, बता दें, ये मामला 2010 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, लेकिन इस मसले पर अब तक सुनवाई शुरू नहीं हो सकी है।
इस मामले में आखिरी सुनवाई बीती 27 सितंबर को हुई थी, इस दौरान तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली पीठ ने दो-एक के बहुमत से आदेश दिया था कि विवादित भूमि के मालिकाना हक वाले दीवानी मुकदमे की सुनवाई तीन जजों की नई पीठ 29 अक्टूबर को करेगी।