ब्यूरो | Navpravah.com
भारत की ऐतिहासिक धरोहर, लालकिला, जिसकी प्राचीर से प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं, जिसकी छत्रछाया में भारतवर्ष हर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस मनाता है, उसके भीतर भारी संख्या में राइफल्स के कारतूस और कुछ हैंड ग्रेनेड मिले हैं! जानकारी मिलने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों के मुताबिक, लालकिले में पुरातत्व विभाग की सफाई के दौरान रविवार को कारतूसों का ढेर और हैंड ग्रेनेड मिले थे। ये कारतूस और विस्फोटक ऐसे कोने में मिले, जहां आमतौर पर कोई आता-जाता नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्हें वहां छुपाकर रखा गया था। कारतूस इतने ज्यादा हैं कि पुलिस के तो होशोहवास गुम हो गए हैं। डीसीपी (नॉर्थ) जतिन नरवाल ने इन विस्फोटकों के मिलने की पुष्टि की है। एनएसजी का बम डिस्पोजल स्क्वॉड मौके पर है। एनएसजी और आर्मी के अधिकारी भी जांच में शामिल हैं।
गौरतलब है कि 15 अगस्त को लालकिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हुआ था और कुछ ही दिन पहले, यानी 26 जनवरी से पहले पुलिस ने पूरी दिल्ली में चप्पे-चप्पे की तलाशी और सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होने का दावा भी किया था। आज से लगभग 17 वर्ष पूर्व (22 दिसंबर 2000) को लालकिले पर ही आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने हमला करके एके-47 से अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं, जिसमें तीन जवानों की मौत हो गई थी। ऐसे में लालकिले के अंदर भारी मात्रा में कारतूस और विस्फोटक मिलना सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठा रहा है।
उधर जांच में जुटी दिल्ली पुलिस का कहना है कि ये कारतूस और विस्फोटक एक्सपायर्ड हैं। शुरुआती जांच में यह भी मान कर चला जा रहा है कि लालकिले के अंदर किसी समय सैनिक रहा करते थे। ऐसे में हो सकता है कि कारतूस और विस्फोटक उसी समय छूटे हों।