शिखा पांडेय|Navpravah.com
जीएसटी लागू हुए लगभग तीन महीने बीत चुके हैं। जब से जीएसटी लागू हुआ, तमाम कारोबारियों की भाग दौड़ और मशक्कत कुछ बढ़ सी गई थी, लेकिन आज हुई जीएसटी काउंसिल की मीटिंग ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। काउंसिल द्वारा लिए गए बड़े फैसलों में कम्पोजिट स्कीम की लिमिट 75 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए तक कर दी गई है। इसके अतिरिक्त रिटर्न फाइलिंग में भी कारोबारियों और ट्रेडर्स को तीन महीने की छूट दे दी गई है। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 9 और 10 नवंबर को होगी। वहीं ई-वॉलेट की व्यवस्था 1 अप्रैल 2018 से शुरू करने की योजना है।
नई दिल्ली में विज्ञान भवन में हुई जीएसटी काउंसिल की 22वीं बैठक के बाद भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि काउंसिल ने कई जरूरी वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर घटाने का निर्णय लिया है। इसके चलते दिवाली पर नमकीन, कपड़े और स्टेशनरी सस्ती मिलेगी। साथ ही कार खरीदना और घर का निर्माण भी सस्ता कर दिया गया है।
जीएसटी काउंसिल द्वारा कम्पोजिट स्कीम की लिमिट को 75 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दिए जाने से अब पहले से ज्यादा छोटे कारोबारी इस स्कीम का फायदा उठा पाएँगे। अब 20 लाख रुपए से अधिक और एक करोड़ रुपए तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी जीएसटी की कम्पोजिट स्कीम का फायदा उठा सकते हैं।
क्या हैं कम्पोजिट स्कीम के फायदे-
कम्पोजिट स्कीम के तहत टैक्स रेट कम होता है। अर्थात इस स्कीम के तहत आने वाले कारोबारियों को सिर्फ 2% टैक्स चुकाना होता है। कम्पोजिट स्कीम का फायदा रिटलेर, होलसेलर, मैन्युफैक्चरर, ट्रेडर्स, रेस्टोरेंट कारोबारी इत्यादि उठा सकते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि एक्सपोर्टर्स को 10 अक्टूबर से जुलाई का और 18 अक्टूबर से अगस्त का रिफंड मिलना शुरू होगा। रिफंड के लिए कारोबारियों को ईवॉलेट की सुविधा दी जाएगी। यह व्यवस्था 1 अप्रैल 2018 से लागू होगी। वित्त मंत्री ने बताया कि कंपोजीशन स्कीम के तहत ट्रेडिंग करने वाले 1 फीसदी टैक्स, मैन्युफैक्चरिंग वाले 2 फीसदी टैक्स, रेस्टोरेंट वाले 5 फीसदी टैक्स देंगे।
उल्लेखनीय है कि अब तक कारोबारियों को हर महीने रिटर्न फाइल करना पड़ता था, अब उन्हें तीन महीने में एक बार रिटर्न फाइल करना होगा। इसके साथ ही सरकार रिवर्स चार्ज में भी उन्हें राहत देने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, सरकारी रिवर्स चार्ज से कुछ महीने के लिए छूट मिल सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि अगली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के बाद सरकार इस पर फैसला सुना सकती है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए अन्य अहम् फैसले
-पैकेज्ड फूड पर अब 5 प्रतिशत टैक्स लगेंगे। पहले यह 18 प्रतिशत था।
-ग्रेनाइट या मार्बल छोड़कर अन्य स्टोन पर जीएसटी 28 से 18 फीसदी कर दिया गया है। इससे मकान बनाना सस्ता होगा।
-जरी के सामान पर टैक्स 12 % से घटाकर 5 % किया जाएगा।
– आम पापड़ पर अब 5 % टैक्स लगेगा, पहले यह 12 % था।
-ज्यादा लेबर वाले सरकारी काम पर अब 5 % टैक्स लगेगा, पहले यह 18 % था।
– प्लास्टिक कचरा पर अब 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा, पहले यह 18 % था।
-ई-वेस्ट पर अब 18 % टैक्स लगेगा, जो पहले 28 % था।
-स्टेशनरी सामानों पर अब 18 % टैक्स लगेगा, पहले यह भी 28 % था।
-मैंगो स्लाइस पर अब 5 % टैक्स लगेगा, पहले यह 12 % था।
-बिना ब्रांड वाले नमकीन पर अब 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा, पहले यह भी 12 % था।
-डीजल इंजन के पार्ट पर टैक्स दर 28% से 18% हो गई है।