महिलाओं को अक्षम कहने पर सुंदर पिचाई ने दिखाया बाहर का रास्ता

पीयूष चिलवाल । Navpravah.com
अमेरिका की टेक्नोलॉजी कंपनी और दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन मानी जाने वाली कंपनी गूगल ने अपने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जेम्स डेमोरे को नौकरी से इसलिए निकाल दिया क्योंकि उसने कंपनी के अंदर चल रहे जेंडर स्टीरियोटाइप ( लिंग संबंधी रूढ़िवादिता ) को एक इंटरनल मेमो के जरिये उजागर किया है। जो कंपनी के कर्मचारियों के बीच काफी वायरल हो रहा है।
मेमो की हेडिंग गूगल आईडियोलॉजिकल इको चैंबर है। जिसमें लिखा है कि पुरूषों और महिलाओं में जैविक कारणों से क्षमताएं अलग होती हैं जिस कारण हम गूगल में महिलाओं को तकनीक और नेतृत्व के शीर्ष पदों पर प्रतिनिधित्व करते नहीं देखते,  उनके साथ भेदभाव किया जाता है। करीब 10 पन्नों के मैमो में गूगल पर महिलाओं के साथ भेदभाव से जुड़े कई आरोप लगाए गए हैं।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि कंपनी के खिलाफ लिखना कंपनी के कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है और जेंडर स्टीरियोटाइप के बारे में लिख कर उन्होंने नियम तोड़े हैं इसलिए उन्हें कंपनी से निकाला गया है।
वहीं अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट इस बात की जांच पड़ताल में जुटा है कि क्या गूगल महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन देती है फिलहाल कंपनी ने इस तरह के आरोप को नकारा है और कहा है कि वे समान काम के लिए महिलाओं को पुरुषों के समान वेतन देते हैं।
वहीं गूगल में 60 मौजूदा एवं पूर्व महिला कर्मचारी वेतन, में असमानता को लेकर कंपनी पर मुकदमा करने की तैयारी में हैं।

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