अखिलेश ने लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के अनेक नेता सपा पर प्रदेश के थाने चलाने का आरोप लगाते थे लेकिन प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार खुद पुलिस का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। अखिलेश ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि अब थाने कौन चला रहा है। पुलिस के माध्यम से इतनी अवैध वसूली पहले कभी नहीं हुई।”
उन्होंने औरैया जिले का एक मामला उठाते हुए कहा कि भाजपा वहां अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने के लिए सपा के जिला पंचायत सदस्य कल्लू यादव और उसके परिवार का उत्पीड़न कर रही है। यादव को हत्या और बलात्कार के मुकदमे में फंसा दिया गया है। वह इसकी शिकायत राज्यपाल और चुनाव आयोग से करेंगे। अखिलेश ने हाल के दिनों में सपा के चार विधान परिषद सदस्यों के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा कि इससे एक बात साफ हो गयी है कि भाजपा के लोग उपचुनाव का सामना करने से डर रहे हैं, इसलिए उन्होंने सपा के विधान परिषद सदस्यों को तोड़ लिया।
सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए विधान परिषद सदस्यों बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह की तरफ इशारा करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि ये दोनों जब तक सपा में थे तब तक भाजपा की नज़र में गुंडे थे, भाजपा में जाकर वे दोनों पाक साफ हो गये हैं। नवाब को आवास विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है, जबकि दूसरे को राजस्व एवं परिवहन मंत्री बनाने की तैयारी है। समाजवादी लोहिया ट्रस्ट से अपने चार करीबी सदस्यों को हटाये जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, “इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हम पर औरंगजेब होने का आरोप भी लगता रहा है। सावधान रहें मुझसे।”