एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में पांच अन्य बैंकों के विलय को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है, इसके साथ ही एसबीआई ने कुछ बड़े रिकॉर्ड बना लिए हैं, पहला यह कि बैंक का कस्टमर बेस 25 करोड़ से बढ़कर अब 37 करोड़ हो गया है, दूसरा रिकॉर्ड यह कि मर्जर के बाद एसबीआई संपत्ति के मामले में दुनिया के टॉप 50 बैंकों में शामिल हो गया है।
बैंकों के मर्जर से कर्मचारियों की छंटनी की आशंका पर सरकार ने इससे इंकार किया है, वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने स्टेट बैंक विधेयक पर राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही है, वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर का पिछले वर्ष अप्रैल में एसबीआई में विलय हुआ था।
देश भर में एसबीआई शाआखों की संख्या 24 हजार से ज्यादा और बैंक के एटीएम 59 हजार के करीब है, विधेयक में बैंकों के मर्जर को पूरी तरह से मंजूरी दी गई है, विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के जयराम रमेश समेत कुछ सदस्यों ने एसबीआई के निजीकरण की आशंका जताई थी।
उन्होंने बताया कि विलय के बाद कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्होंने कहा कि पांचों सहयोगी बैंकों के विलय का मकसद यही है कि बैंकों की सुविधाएं बेहतर हो सकें, शुक्ल ने कहा कि पहले खाता खुलवाने के लिए दो जमानतदारों की जरूरत होती थी, अब आम आदमी को बैंकिंग सर्विस लेने में कोई परेशानी नहीं आ रही है।