अनुज हनुमत
इलाहाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय मौजूदा सत्र के छात्र संघ चुनावों के लिए तैयार है। कई प्रत्याशी लम्बे-लम्बे काफिलों के साथ लिंगदोह कमेटी के नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं, तो कुछ सूखे पत्तों से प्रचार करके चर्चा में बने हुए हैं। कुल मिलाकर कोई भी प्रत्याशी चुनाव जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। लेकिन कुछ ऐसे प्रत्याशी हैं, जो चुनावों में भले ही जीत हासिल न कर पाएं, लेकिन उन्होंने अपने प्रयासों से इतना तो बता दिया कि आखिर छात्र संघ चुनाव में किस प्रकार कम संसाधनों में भी प्रचार प्रसार किया जा सकता है।
एम. ए. प्रथम वर्ष के छात्र वीरेंद्र कुमार पाल अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं, जो इस समय अपने प्रचार के तरीके से छात्रों के आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं। वीरेंद्र अपने प्रचार के दौरान सभी को गंगाजल पीने को देते हैं। उनका कहना है कि गंगा जैसा पवित्र जल सब कुछ पवित्र कर सकता है। विश्वविद्यालय भी पहले ऐसा ही पवित्र स्थान था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मैं चाहता हूँ कि फिर से पवित्र हो जाये और कैम्पस का माहौल अच्छा हो जाये। इसलिए मैं सभी को गंगाजल बाँट रहा हूँ।
बता दें कि जहाँ एक ओर प्रत्याशियों द्वारा बैनर पोस्टर और विजिटिंग कार्डस में हजारों- लाखों रूपये फूंके जा रहे हैं। वहीं वीरेंद्र कुमार द्वारा कुछ कागजों द्वारा ही प्रचार किया जा रहा है। जिस कागज में उन्होंने अपने बारे में जानकारी लिखी है, उसे वो छात्रो पढ़ने के लिए देते हैं और उसी का प्रयोग अन्य छात्रों के बीच में भी करते हैं। वीरेंद्र कुमार का कहना है कि मैं एक गरीब परिवार से हूँ, मैं नही चाहता कि पर्यावरण का नुकसान हो।
वीरेंद्र कुमार रोजाना 10 किमी साईकिल चलाकर विश्वविद्यालय आते हैं और पढाई से लेकर अपना पालन पोषण अपनी मेहनत की कमाई से ही करते हैं। ऐसे छात्र ज्यादातर लोगों को पागल भी नजर आते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि ये असल हीरों हैं। वीरेंद्र कुमार जैसे प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे अन्य सभी प्रत्याशियों के लिए एक नजीर हैं।