प्रमुख संवाददाता,
राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह की एकाएक समाजवादी पार्टी से बढ़ी हुई करीबी चर्चा का विषय बन गई है। खबर है कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और आरएलडी अध्यक्ष अजित सिंह हाथ मिला सकते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या आरएलडी का साथ एसपी को दोबारा सत्ता की गारंटी दिला देगा?
अजित सिंह ने बीते 24 घंटे में दो बार मुलायाम सिंह यादव से मुलाकात की है। सूत्रों के अनुसार दोनों की मुलाकात के पीछे गठबंधन की मंशा हो सकती है।अनुमान लगाया जा रहा है कि अजित सिंह की मंशा सिर्फ राज्यसभा पहुंचने की ही नहीं, बल्कि साइकिल का साथ लेकर यूपी विधानसभा चुनाव तक पहुंचने की भी है। यही वजह है कि दिल्ली में एसपी और आरएलडी के नेता एक-दूसरे के घर का चक्कर लगा रहे हैं।
कल रात अजित सिंह मुलायम सिंह के घर डिनर पर पहुंचे थे, आज सुबह एसपी के एमएलसी आंसू मलिक अजित सिंह से मिलने पहुंचे थे। दोपहर में एसपी महासचिव शिवपाल सिंह यादव भी अजित सिंह से मिलने पहुंचे थे। हालांकि उन्होंने अजित सिंह से मुलाकात को सामान्य बताया था, लेकिन ऐसा लगता नहीं। शिवपाल से मिलने के बाद अजित सिंह सीधे मुलायम सिंह यादव के घर मिलने पहुंच गए।
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल का हैंडपंप सूख गया था। पश्चिमी यूपी में कभी अपना वर्चस्व रखने वाले अजित सिंह की खुद की सीट तक चली गई थी। ऐसे में दिल्ली की राजनीति से अजित सिंह पिछले दो सालों से दूर हैं। पहले तो नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में आरएलडी के विलय की चर्चा जोर शोर से चली थी, लेकिन बात बन नहीं पाई। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सपा से तालमेल बैठ गया है।
2012 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 224 सीटें जीतने के साथ ही 29 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए थे और अजित सिंह की आरएलडी को राज्य में ढाई फीसदी से भी कम वोट मिले थे। ऐसे में समाजवादी पार्टी से गठबंधन आरएलडी के लिए नफे का सौदा साबित हो सकता है।