एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में दोषी ठहराया है और बिहार के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को बेल दे दिया है।
लालू के साथ-साथ अन्य 18 आरोपियों को भी दोषी करार दिया गया है। लालू और जगन्नाथ मिश्र तथा अन्य पहले से ही चारा घोटाला के तीन मामलों में दोषी ठहराये जाने के बाद से बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
शुक्रवार को अदालत ने बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक समेत महालेखाकार कार्यालय के तीन अधिकारियों के खिलाफ इसी मामले में मुकदमा चलाये जाने की लालू प्रसाद की याचिका स्वीकार करते हुए तीनों को समन जारी करने का निर्देश दिया था।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में अपना फैसला 5 मार्च को ही सुरक्षित कर लिया था। 16 मार्च को सीबीआई अदालत ने पहले लालू की उस नयी याचिका पर फैसला सुनाया। जिसमें उनके वकील आनंद ने चारा घोटाले के इस मामले में बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक। उपमहालेखा परीक्षक तथा महालेखाकार कार्यालय के निदेशक पर संलिप्तता का मुकदमा चलाने की मांग की थी।
दुमका में पशुपालन पदाधिकारियों, प्रशासनिक अफसरों और राजनेता की मिलीभगत से आपूर्तिकर्ताओं ने 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच कोषागार से 3 करोड़ 76 लाख की अवैध निकासी की थी, यह निकासी जिले के गांवों और कस्बों में पशुओं की खाद्य सामग्री। दवा व कृषि उपकरणों के वितरण के नाम पर की गई थी।
इस मामले की कारवाई करीब 22 वर्षों तक सीबीआई की अदालत में चली, सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 49 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर करीब दो सौ गवाहों को पेश किया। 49 आरोपियों में तीन सरकारी गवाह बन गए। जिनमें से एक की मौत हो चुकी है।