जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को हुए प्रदर्शन के दौरान हुई घटना पर विधानसभा में बयान दिया है। इस दौरान सेना की कार्रवाई में दो युवकों की मौत हो गई थी, जिस पर एफआईआर दर्ज किया गया है। मुफ्ती ने हत्या की धाराओं में केस दर्ज करने के सरकार के फैसले का बचाव किया। शोपियां की इस घटना के बाद सेना के एक मेजर और कुछ सैनिकों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज की गई है। मुफ्ती ने कहा कि दोषी के खिलाफ कार्रवाई से सेना के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वह इस मामले को किसी नतीजे तक ले जाएंगी।
महबूबा मुफ्ती ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने से पहले रक्षामंत्री से बातचीत की गई थी। जिसके बाद यह एफआईआर दर्ज की गई है। इतना ही नहीं, रक्षा मंत्री ने मुफ्ती से बातचीत में कहा कि अगर गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाया गया है या फिर कुछ गलत हुआ है, तो इस पर एक्शन लिया जाना चाहिए। जिसके बाद एफआईआर दर्ज किया गया और मेजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए।
ज्ञात हो कि बीजेपी ने मांग की थी कि मेजर के खिलाफ दर्ज नामजद शिकायत को वापस लिया जाए और बिना नाम के नई एफआईआर दर्ज की जाए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने शोपियां जिले के गनोवपुरा गांव से गुजर रहे सुरक्षा बलों के एक काफिले पर पथराव किया था, जिसमें जवानों ने अपने बचाव में हवा में कथित तौर पर कई राउंड गोलियां चलायी थी, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि जवानों ने तब गोलियां चलायीं, जब भीड़ ने एक जूनियर कमीशन अधिकारी की पीट-पीटकर हत्या करने की कोशिश की और उनका हथियार छीन लिया। घायलों में जावेद अहमद भट(20) और सुहैल जावेद लोन ( 24) की बाद में मौत हो गयी। सेना का कहना है कि उन्होंने आत्मरक्षा में फ़ायरिंग की थी।