फिल्म समीक्षा : इत्तेफाक़

डायरेक्टर: अभय चोपड़ा
स्टार कास्ट: सिद्धार्थ मल्होत्रा, सोनाक्षी सिन्हा, अक्षय खन्ना
अवधि: 1 घंटा 47 मिनट, सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 2.5 *
कोमल झा | Navpravah.com
डायरेक्टर अभय चोपड़ा की फिल्म ‘इत्तेफाक’ सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म एक सस्पेंस थ्रिलर है, जिसमें आखिरकार दर्शक ये सोचने को मजबूर होते हैं कि कातिल कौन हैं। साल 1969 यश चोपड़ा ने फिल्म ‘इत्तेफाक’ बनाई थी, जो उस समय की सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों में से काफी सफल फिल्म बनी थी। जिसमें राजेश खन्ना और नंदा लीड रोल में थे। अब लगभग 48 साल के बाद उसी इत्तेफाक को अभय चोपड़ा ने नए अंदाज में पेश करने की कोशिश की है। आपको बता दें कि अभय इसके पहले फिल्म ‘मिशन कश्मीर’ (2000), ‘संघर्ष’ (1999), ‘करीब’ (1998) जैसी फिल्म में अभिनय भी कर चुके हैं। अभय ने इस फिल्म से डायरेक्शन में डेब्यू किया है।
यह कहानी राइटर विक्रम सेठी (सिद्धार्थ मल्होत्रा) और माया सिन्हा (सोनाक्षी सिन्हा) की है। विक्रम, यूके से मुंबई अपनी नॉवेल लॉन्च करने आता है। इसी बीच एक रात विक्रम की वाइफ कैटरीन (किंबरली लूइसा मैकबेथ) की डेथ हो जाती है। और साथ ही माया (सोनाक्षी सिन्हा) के हसबैंड वकील शेखर सिन्हा का मर्डर भी होता है। इन दोनों वारदातों का चार्ज विक्रम पर लगाया जाता है। साथ ही शक के घेरे में शेखर सिन्हा की वाइफ माया सिन्हा भी आती है। इन दोनों मर्डर की तफ्तीश करने के लिए इंस्पेक्टर देव (अक्षय खन्ना) को लगाया जाता है। देव को विक्रम और माया अपनी ही कहानी बताते है। माया या विक्रम आखिर कौन सच बोल रहा है? लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिरकार कातिल कौन है? यह एक सस्पेंस थ्रिलर है, अगर इन दोनों ने खून नहीं किया तो आखिर किसने किए हैं यह डबल मर्डर? सच जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
डायरेक्शन-
फिल्म का डायरेक्शन और कैमरा वर्क काफी हद तक ठीक रहा है। फिल्म की कहानी 1969 में आई फिल्म ‘इत्तेफाक’ से काफी मुलती-जुलती है। फिल्म की रफ्तार काफी धीमी है। फिल्म को और दिलचस्प बनाया जा सकता था। हालांकि, फिल्म में आखिर तक दर्शक सोचने को मजबूर होते है कि कातिल कौन हैं। जिन लोगों ने पुरानी इत्तेफाक देखी है उन्हें पता होगा कि फिल्म की कहानी क्या है।

एक्टिंग-
सिद्धार्थ मल्होत्रा ने इस फिल्म में काफी अलग तरह का अभिनय किया है। सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा की परफॉर्मेंस और बेहतर हो सकती थी। सिद्धार्थ ने अपनी पिछली फिल्मों में ज्यादा बेहतर अभिनय किया है। दोनों की ही एक्टिंग में ठहराव देखने को नहीं मिला। वहीं, पुलिस ऑफिसर के रोल में अक्षय खन्ना ने बेहतरीन अभिनय किया है। एक्टिंग के मामले में अक्षय, सिद्धार्थ और सोनाक्षी पर भारी पड़े हैं।
म्यूजिक-
फिल्म में एक भी गाना नहीं है। लेकिन इसका बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है।
कमजोर कड़ियां-
वैसे सस्पेंस थ्रिलर अक्सर आपको याद तो बहुत अच्छे लगते हैं ,या फिर आप यही सोचने लगते हैं कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया। तो इस फिल्म में भी कुछ ऐसी जगह होती हैं जहां पर आपको लगता है कि वह और बेहतर हो सकती थी खासतौर से सोनाक्षी सिन्हा और सिद्धार्थ मल्होत्रा के बीच फिल्माए गए सीन।
देखें या नहीं देखें-
यदि आपको सस्पेंस थ्रिलर मूवी देखने का शौक है और आप सिद्धार्थ मल्होत्रा, सोनाक्षी सिन्हा और अक्षय खन्ना के फैन हैं, तो ही फिल्म देखने जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.